रांची, 16 सितंबर . भाजपा के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने जाति जनगणना के मुद्दे पर से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. क्योंकि इससे समाज को बांटने का प्रयास किया जाएगा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
दीपक प्रकाश ने से बातचीत में कहा, “जनगणना संविधान से जुड़ा हुआ विषय है, अब जाति जनगणना होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, यह अलग विषय है. मगर मेरा मानना है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि राजनीति के आधार पर समाज को बांटने का प्रयास किया जाएगा. जनगणना तो स्वाभाविक प्रक्रिया है, यह तो हर 10 साल पर होती आई है. अंतिम बार साल 2011 में जनगणना हुई थी, इसके बाद फिर से जनगणना होगी.”
उन्होंने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा, “उनके पास कोई काम ही नहीं है, विपक्ष इस समय बेरोजगार है, जो सिर्फ बेवजह के मुद्दों पर राजनीति करता है. अब तो दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राजनीति शुरू की है, जो सिर्फ विकास के मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं. वह भारत के अंत्योदय के सपनों को साकार करने का काम कर रहे हैं और केंद्र सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है.”
शीर्ष सूत्रों द्वारा रविवार को दी गई जानकारी में बताया गया कि केंद्र सरकार ने जनगणना की तैयारी भी शुरू कर दी है, लेकिन सर्वेक्षण में जाति कॉलम को शामिल करने के बारे में अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है.
सूत्रों ने कहा, “दशकीय जनगणना जल्द ही आयोजित की जाएगी.”
बता दें कि भारत 1881 से हर दशक में जनगणना करता आ रहा है. इस दशक की जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल, 2020 को शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया.
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