जम्मू, 13 दिसंबर . जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जब ‘एक देश, एक चुनाव’ का मुद्दा संसद में आए, तो इस पर गहन चर्चा होनी चाहिए.
नेशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा, “यह अभी तक संसद में पेश नहीं हुआ है. जब यह संसद में आए, तो उस पर पूरी बहस होनी चाहिए.”
उन्होंने कहा, “साल 2019 में जब अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का मामला था, तब संसद में बहुत जल्दबाजी में फैसला लिया गया था और उस पर ठीक से बहस नहीं हो पाई थी. अब इस मामले पर गहन बहस होनी चाहिए और उसके बाद संसद को निर्णय लेना चाहिए.”
भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, “इस पार्टी ने जम्मू के साथ कई अन्याय किए हैं, जैसे जम्मू-कश्मीर का नक्शा बदलने की कोशिश करना और राज्य के दर्जे को समाप्त करना. भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में बदलाव किया था, अब वह इसे सही करने की कोशिश करेंगे.”
उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर अब केंद्रशासित प्रदेश है और मुख्यमंत्री बनने के समय कई लोग यह चिंता जाहिर कर रहे थे कि दिल्ली जैसी स्थिति न बन जाए. फिलहाल, बिजनेस रूल्स को स्पष्ट करने का काम चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर के अंत तक या जनवरी की शुरुआत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा.”
इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने 21 नवंबर को पुंछ में अपने मंत्रियों के साथ जाकर विकास कार्यों की समीक्षा की थी.
मुख्यमंत्री ने जिले में विकास कार्यों की स्थिति की समीक्षा के लिए मंडलायुक्त जम्मू, आयुक्त सचिवों और सभी विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी.
उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को जन समस्याओं को दूर करने और विकास कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया था. बैठक के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जिले के 30 के करीब प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी और ज्ञापन स्वीकार किए थे.
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एसएचके/एकेजे