लखनऊ, 5 जुलाई . बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के सवालों को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर ने सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सवालों को गंभीरता से लेते हुए सरकार और चुनाव आयोग को निष्पक्ष चुनाव कराना चाहिए.
राज बब्बर शनिवार को समाचार एजेंसी से कहा कि हाल के चुनावों में मतदाता सूची और डाले गए वोटों की संख्या में कथित अनियमितताओं पर विपक्ष ने सवाल उठाया है. लेकिन, सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाई. विपक्ष सवाल पूछकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है. उन्होंने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग से इन मुद्दों को गंभीरता से लेने की मांग की है.
महाराष्ट्र भाषा विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर ने कहा कि महाराष्ट्र देश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. जब हम हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात करते हैं, तो महाराष्ट्र के लोग इसके लिए अपनी जान देने के लिए भी तैयार रहते हैं. लेकिन, जब बात स्वाभिमान और सम्मान की आती है, तो उन्हें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है. हर राज्य चाहता है कि उसकी पहचान और गौरव को मान्यता मिले, इसमें कोई बुराई नहीं है. यह दूसरों को नीचा दिखाने की बात नहीं है, बल्कि आपसी सम्मान और एकता के साथ खड़े होने की बात है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
संगठन सृजन कार्यक्रम पर कांग्रेस नेता ने कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है. यह प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी के भीतर, खासकर उत्तर प्रदेश में, बहुत पहले शुरू होनी चाहिए थी. हालांकि, नेतृत्व ने, खासकर दिल्ली में बैठे लोगों ने, अब सही कदम उठाए हैं और जिस तरह से यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है, उससे विश्वसनीयता बनाने में मदद मिलेगी. इससे लोगों में जिम्मेदारी की भावना भी पैदा होगी.”
कांवड़ यात्रा को लेकर हाल में हुई घटनाओं पर राज बब्बर ने कहा कि हर साल जब कांवड़ यात्रा शुरू होती है, तो इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. अगर पिछले साल या उससे पहले भी कुछ ऐसा हुआ था, तो क्या सरकार की यह जिम्मेदारी नहीं है कि वह इन मुद्दों को पहले से ही सुलझाए. मामले को पहले से सुलझाने की बजाय, वे कांवड़ यात्रा शुरू होने तक इंतजार करते हैं, यह अच्छी तरह जानते हुए कि पुराने तनाव फिर से उभरेंगे, भावनाएं भड़केंगी और लोग एक-दूसरे पर हमला करेंगे. ऐसा लगता है कि यह जानबूझकर किया जा रहा है.
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डीकेएम/एकेजे