नई दिल्ली, 1 जुलाई . भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम — ये तीन नए आपराधिक कानून सोमवार से लागू हो गए हैं. नए कानूनों में कुछ धाराएं हटा दी गई हैं तो कुछ नई धाराएं जोड़ी भी गई हैं. अब पुलिस, वकील और अदालतों के कामकाज में बदलाव देखने को मिलेगा. इस पर सीनियर एडवोकेट मोहम्मद आमिर नकवी ने अपनी राय पेश की.
सीनियर एडवोकेट मोहम्मद आमिर नकवी ने तीन नए आपराधिक कानून लागू पर कहा, ”सरकार जब भी कोई नई चीज लाती है, तो उसकी आशा और उद्देश्य यही होता है कि समाज को फायदा पहुंचे.”
नए कानून से लोगों को न्याय मिलने में आसानी होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ”देखिए मैं ये तो नहीं कह सकता कि किसी को न्याय नहीं मिलता, क्योंकि हमारी जो न्याय प्रणाली है, वह हमेशा से बहुत सक्षम है और बहुत अच्छी है. तो ये कहना कि कोई भी व्यक्ति न्याय से बचा हुआ था, या न्याय नहीं मिल पाता था, मैं इस बात से सहमत नहीं हूं.”
”हां, लेकिन इन तीन कानूनों से न्याय मिलने में तेजी आ जाएगी, लेकिन यहां तेजी के लिए भी ये जानना जरूरी है कि देर क्यों हो रही थी. कोई भी एक्ट में यह प्रावधान दिया जाता है कि कैसे मामले को सुलझाया जाए. मगर जो प्रक्रिया है, इसे अदालतों द्वारा अपनाया जाता है और इसे अपनाने में जो समय लगता है, उसकी वजह से मामले ज्यादा लंबित रहते हैं. हम उम्मीद करेंगे और इंतजार करेंगे, जैसा कहा जा रहा है कि इससे जल्दी न्याय मिलेगा और जल्दी फैसले होंगे.”
उन्होंने आगे कहा, ”नए कानून में जो कुछ भी दिया गया है ऐसी कोई चीज नहीं है जो पहले नहीं थी, अगर सीआरपीसी के एक्ट को छोड़ दें तो बाकी जो अपराध पहले थे, वही अभी भी हैं.”
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