पटना, 19 मार्च . बिहार में एनडीए ने सीट बंटवारा कर बढ़त बना ली है, लेकिन महागठबंधन में गणित अब तक उलझा हुआ है. घटक दलों की दावेदारी के कारण बात बन नहीं पा रही है.
पहले चरण में प्रदेश में जिन चार सीटों पर चुनाव होने हैं, उसमें अब सिर्फ एक महीने का समय रह गया है. ऐसे में उन सीटों पर दावेदारी कर रही पार्टियों की परेशानी और बढ़ी हुई है.
महागठबंधन के नेता भले ही एक-दो दिनों में सबकुछ तय होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है अभी कई सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है.
बताया जाता है कि कांग्रेस बिहार में 11 से 12 सीटों पर दावेदारी कर रही है, जबकि माकपा खगड़िया, समस्तीपुर और महाराजगंज तथा भाकपा बेगूसराय, मधुबनी और बांका के लिए दबाव बनाए हुए है.
इधर भाकपा (माले) ने भी आठ सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है.
सूत्रों का कहना है कि बेगूसराय, कटिहार, पूर्णिया सीट कांग्रेस अपने खाते में लेना चाहती है. कांग्रेस इन सीटों को लेकर दबाव बनाए हुए है.
दूसरी तरफ महागठबंधन वामपंथी दलों को एक -एक सीट देने पर विचार कर रहा है. वामदलों के नेता सम्मानजनक समझौता चाहते हैं. बताया जाता है कि वामपंथी दलों ने कई क्षेत्रों में चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है.
भाकपा के प्रदेश सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा, वामदल महागठबंधन का मजबूत हिस्सा है. सीट बंटवारे में सभी दलों को सम्मानजनक भागीदारी दी जाएगी.
बता दें कि सोमवार को एनडीए ने बिहार में सीट बंटवारे की घोषणा कर दी.
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