मुंबई, 30 मार्च . फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन ने स्टारडम पर अपने विचार रखे. उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात की. अभिनेता ने कहा कि कोई व्यक्ति केवल एक अच्छा अभिनेता बनने या सिनेमा के भीतर जो भी कला है, उसे आत्मसात कर खुद को बेहतर बनाने की कोशिश कर सकता है. कोई भी अंदर से स्टार नहीं होता.
उन्होंने बताया, “कोई भी स्टार नहीं बनता. आप केवल एक अच्छा अभिनेता बनने या सिनेमा के भीतर जो भी कला है, उससे अच्छा बनने की कोशिश कर सकते हैं. बाकी तो लोग आपके काम को देखकर आपको टैग देते हैं. लोग आपको स्टार बनाते हैं, लेकिन यह आपके बाहर मौजूद है. आपके भीतर, कोई स्टारडम नहीं होता है.”
अभिनेता ने आगे कहा, “आप हमेशा अपने कल से बेहतर बनने की कोशिश करते हैं. आपको हमेशा खुद को तराशना पड़ता है, अगर आप अपने करियर के ऐसे दौर में हैं, जहां आपको चुनौती महसूस नहीं होती, काम करने में डर या हिचक होती है. एक अभिनेता या तकनीशियन के तौर पर आपसे जो भी अपेक्षा की जाती है, उसे भी करने में आपको संकोच होता है तो आत्मचिंतन की जरूरत है.”
पृथ्वीराज ने कहा, “स्टारडम, दबदबा, प्रसिद्धि, सब कुछ आपके बाहर मौजूद है. जब आप अपने भीतर होते हैं, जब आप अपने साथ होते हैं, तो सिर्फ आप, आपका हुनर और आप खुद को कितनी देर और कितनी दूर तक चुनौती दे सकते हैं, यही साथ होता है.”
हाल ही में पृथ्वीराज सुकुमारन ने शूटिंग सेट पर काम करने वाले तकनीशियनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें ‘सुपरस्टार’ बताया था. दक्षिण सिनेमा में फिल्म तकनीशियनों को कैसे सम्मानित किया जाता है, इस बारे में पृथ्वीराज ने बताया था, “मेरे लिए सिनेमा हमेशा एक टीम खेल की तरह रहा है. एक अभिनेता का प्रदर्शन तभी अच्छा हो सकता है जब उसके सह-कलाकार भी अच्छे हों, क्योंकि एक अभिनेता केवल फिल्म में अच्छा हो सकता है. मैं एक निर्देशक हूं और कह सकता हूं कि एक अभिनेता केवल तभी फिल्म में अच्छा हो सकता है, जब निर्देशक उसे फिल्म में अच्छा करने दें.”
पृथ्वीराज की हालिया रिलीज एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘एल2: एम्पुरान’ है, जिसमें उन्होंने अभिनय के साथ ही निर्देशन की जिम्मेदारी भी संभाली है.
फिल्म में पृथ्वीराज सुकुमारन के साथ मोहनलाल, अभिमन्यु सिंह, टोविनो थॉमस, एंड्रिया तिवादार, जेरोम फ्लिन, इंद्रजीत सुकुमारन, एरिक एबौने और सूरज वेंजरामूडू भी अहम भूमिकाओं में हैं.
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एमटी/केआर