‘महायुति’ में रेस नहीं चलती है, यहां एक बार में तय होता है कौन मुख्यमंत्री बनेगा : संजय शिरसाट

मुंबई, 25 नवंबर . महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के दो दिन बाद भी महायुति में मुख्यमंत्री को लेकर अब तक किसी के नाम पर मुहर नहीं लग सका है. निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय शिरसाट ने इस मुद्दे पर से बात की.

यह पूछे जाने पर कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की रेस में हैं या फिर रेस से बाहर हैं, संजय शिरसाट ने कहा है कि ‘महायुति’ में कोई रेस नहीं चलती है. यहां पर एक बार में तय हो जाता है कि कौन मुख्यमंत्री होगा. एकनाथ शिंदे का नाम आज सबसे ऊपर है, कल भी रहेगा और परसों भी रहेगा. लेकिन शीर्ष नेतृत्व द्वारा जिसका नाम प्रस्तावित होगा, उसे समर्थन करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक करेंगे और मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे. जिसका भी नाम होगा सभी का समर्थन मिलेगा और वह व्यक्ति मुख्यमंत्री बनेगा.

महाराष्ट्र को अगले मुख्यमंत्री के लिए कितना इंतजार करना होगा, इस पर संजय शिरसाट ने कहा है कि हम लोगों को जनता की ओर से बहुत बड़ा बहुमत मिला है. एक अच्छे फैसले पर पहुंचने में समय तो लगता ही है. मंगलवार शाम तक अगले सीएम की घोषणा हो जाएगी.

क्या आपको यकीन था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जनता इतनी ज्यादा सीटें देगी, इस पर संजय शिरसाट ने कहा है कि उम्मीद तो नहीं थी, लेकिन जिस तरह से जनता ने हमें प्यार दिया है इससे एक चीज तो साफ हो गई है कि जनता के बीच हमारे काम पहुंच रहे हैं. इसलिए, हम लोग इतनी सीट जीतने में कामयाब हुए हैं.

विपक्ष की भूमिका के बारे में शिवसेना नेता ने कहा है कि विपक्ष का नेता नहीं रहेगा. अहंकार की वजह से विपक्ष डूब चुका है. महा विकास अघाड़ी में कौन बनेगा मुख्यमंत्री के चक्कर में एक दूसरे को गिराने का काम किया गया है. आरोप-प्रत्यारोप से अच्छा है कि उन्हें मंथन करना चाहिए क्योंकि आरोप लगाने से उनकी सीट बढ़ने वाली नहीं है.

उद्धव ठाकरे का कांग्रेस के साथ जाना क्या गलत फैसला था, इस पर शिवसेना नेता ने कहा है कि बिल्कुल गलत फैसला था. जनता ने दिखा दिया है कि जो शिवसेना हैं, उसे कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहिए था. हम लोगों ने समझाया था, लेकिन वह नहीं समझे. परिणाम क्या निकला खुद भी डूबे, साथ में और लोग भी डूबे.

मातोश्री के बाहर पोस्टर लगाए हैं कि हम चुनाव हार गए, फिर उठेंगे लड़ेंगे. इस पर शिवसेना नेता ने कहा है कि यह पोस्टर वहां लगाए गए हैं जहां से वह खुद देख सकें. कुछ कार्यकर्ताओं ने यह पोस्टर लगाए हैं.

क्या आपको लगता है कि मोदी और योगी ने जो नारा दिया. इसका असर महाराष्ट्र चुनाव में हुआ. इस पर शिवसेना के नेता ने कहा, “मैं मानता हूं कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का असर चुनाव में देखने को मिला है.

महाराष्ट्र चुनाव के बाद विपक्ष ईवीएम पर सवाल उठा रहा है. इस पर शिवसेना नेता ने कहा है कि संजय राउत जो सवाल उठा रहे हैं क्या कभी उन्होंने चुनाव लड़ा है. शरद पवार ने पूरी जिदंगी दूसरों को चुनाव लड़वाने में बिताई है. इसलिए उन्होंने कहा है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष को अच्छी संख्या में सीटें मिली तब ईवीएम पर सवाल क्यों नहीं उठाए गए.

क्या आपको लगता है कि शरद पवार को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, इस पर शिवसेना नेता ने कहा है कि वह वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें यह फैसला करना है. लेकिन मुझे लगता है कि अब पार्टी की सारी जिम्मेदारी अजित पवार को देनी चाहिए.

‘लाडली बहन योजना’ का क्या चुनाव में असर रहा है. इस पर शिवसेना के नेता ने कहा है कि योजना का बहुत असर रहा है. इस योजना से महिलाएं काफी खुशी थीं और वह चाहती थीं कि ‘महायुति’ की सरकार महाराष्ट्र में बनी रहे.

डीकेएम/एकेजे