नई दिल्ली, 9 जनवरी . दिल्ली दंगे के आरोपी शफी उर रहमान को ओखला सीट से एआईएमआईएम ने दिया टिकट है. इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) में कोई अंतर नहीं है. दोनों की फितरत एक जैसी है.
उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में जेल में रह चुके हैं, और उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इसी घोटाले में जेल गए थे. एआईएमआईएम के उम्मीदवारों के खिलाफ दंगे फैलाने के आरोप हैं, और कई ऐसे लोग हैं जो जेल में रह चुके हैं या जिनके खिलाफ मामले चल रहे हैं. इन पार्टियों का चुनावी मैदान में उम्मीदवार चुनने का तरीका भी यही है. सजायाफ्ता लोग, जिनके खिलाफ केस चल रहे हैं या जो बेल पर बाहर हैं. अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी दोनों बेल पर बाहर हैं. एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी इस प्रकार के लोगों को एक साथ लाकर देश और समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. हम दिल्ली के सभी नागरिकों से अपील करेंगे कि ऐसे उम्मीदवारों को न चुनें, जिन्होंने दिल्ली में दंगे भड़काए और जिनके खिलाफ दंगे फैलाने के आरोप हैं. पांच फरवरी को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को वोट देकर जीत दिलाएं.”
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दिल्ली में स्मारक बनाने के बारे में उन्होंने कहा, “यह एक बेहतरीन कदम है. हमारे पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का स्मारक बनना देश के लिए गर्व की बात है. हर भारतीय यह मानता है कि जो भी भारत का राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहा, उसने देश के विकास में योगदान दिया. मोदी जी और भाजपा सरकार ने प्रणब मुखर्जी के योगदान को सम्मानित करते हुए उनके लिए स्मारक बनाने का निर्णय लिया है, हम इसका स्वागत करते हैं. यह सराहनीय कदम है, क्योंकि कुछ योगदान इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि उन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए. हम वह लोग नहीं हैं, जिन्होंने प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में रखने से मना किया था. हम वे लोग नहीं हैं, जिन्होंने पीवी नरसिम्हा राव का सम्मान नहीं किया और उन्हें दिल्ली में स्थान नहीं दिया. हम सभी महापुरुषों का सम्मान करते हैं और उनका योगदान मानते हैं.”
कांग्रेस नेता दानिश अली के आरएसएस के प्रति प्रणब मुखर्जी के लगाव को लेकर दिए बयान पर उन्होंने कहा, “दानिश अली को यह नहीं पता कि प्रणब मुखर्जी देश के वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री रहे, जब यूपीए की सरकार थी और तब दानिश अली तो कहीं सिस्टम में थे भी नहीं. प्रणब मुखर्जी का आरएसएस से प्यार बताना, यह उनकी छोटी मानसिकता को दर्शाता है. आप देश से घृणा करते हैं. जो व्यक्ति देश का नेतृत्व करता है, चाहे वह राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री, आप उनसे घृणा करते हैं. यह आपके देश विरोधी रवैए को दर्शाता है. मैं दानिश अली से अनुरोध करूंगा कि वे अपने नेता राहुल गांधी से पूछें कि क्या प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी भी यही मानते हैं कि प्रणब मुखर्जी और पीवी नरसिम्हा राव आरएसएस के थे? यह दानिश अली की छोटी मानसिकता को दिखाता है.”
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