बेंगलुरू, 21 दिसंबर . भाजपा नेता और एमएलसी सीटी रवि को कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दी. बेलगावी पुलिस ने सीटी रवि को मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जमानत मिलने के बाद सीटी रवि ने से बातचीत करते हुए कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र नहीं बल्कि, तानाशाह सरकार है.
सीटी रवि ने शनिवार को बताया कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया. अपनी गिरफ्तारी को एक साजिश बताते हुए उन्होंने कहा कि वह राजनीति में पिछले 20 सालों से हैं और मंत्री भी रह चुके हैं, ऐसे में यदि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है, तो आम आदमी के साथ कैसा बर्ताव किया जाता होगा, यह सोचने वाली बात है.
उन्होंने कहा कि पुलिस का बर्ताव अमानवीय था. मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं, फिर भी मुझे इस तरह से क्यों ट्रीट किया गया. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मुझे पत्थर तोड़ने वाली जगह और जंगल में क्यों ले जाया गया? पुलिस मुझे कई गांवों में क्यों लेकर गई? उन्होंने आशंका जताई कि इसके पीछे कोई छिपी हुई साजिश थी, लेकिन मीडिया की सतर्कता के कारण वह सफल नहीं हो पाई.
उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने उनके गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज एफआईआर ही गलत है. मुझे कोई नोटिस नहीं दिया गया, बिना अनुमति के मुझे गिरफ्तार किया गया. लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता, यह तानाशाही है. कर्नाटक में लोकतंत्र नहीं है, यहां एक तानाशाही सरकार है.
बता दें कि बेलगावी पुलिस ने गुरुवार को मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर को अपशब्द कहने के आरोप में सीटी रवि को गिरफ्तार किया था. अपनी गिरफ्तारी को गलत बताते हुए उन्होंने कर्नाटक पुलिस और कांग्रेस सरकार पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक पुलिस ने मुझे पुलिस कस्टडी में सिर पर चोट लगने के तीन घंटे बाद प्राथमिक उपचार दिया. पुलिस मेरी गाड़ी को सुनसान इलाके में खड़ा करके फोन पर बात कर रही.
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पीएसके/केआर