मुरादाबाद, 7 अगस्त . मौलाना सैयद काब रशीदी ने भारत की विदेश नीति और संप्रभुता पर जोर देते हुए अमेरिका की नीतियों पर सवाल उठाए. उन्होंने से बातचीत में कहा कि अमेरिका भारत पर रूस के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ने के लिए दबाव डाल रहा है, जबकि वह खुद रूस के साथ व्यापार करता है.
मौलाना रशीदी ने कहा कि अमेरिका भारत पर रूस से तेल आयात के लिए 50 फीसद टैरिफ लगा रहा है, क्योंकि वह रूस की विदेश नीति को अपने लिए खतरा मानता है.
उन्होंने सवाल उठाया, “क्या अमेरिका, यूरोपीय संघ और तुर्की जैसे देश रूस के साथ व्यापार नहीं कर रहे? फिर भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और उसकी विदेश नीति का फैसला सिर्फ भारत सरकार करेगी.”
मौलाना ने अमेरिका की नैतिकता पर भी सवाल उठाए और कहा, “अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध में समझौते की बात करता है, लेकिन वह इजरायल को समर्थन दे रहा है, जो फिलस्तीन में हजारों लोगों की हत्या कर रहा है. ऐसी स्थिति में अमेरिका को नैतिकता की बात करने का कोई अधिकार नहीं है.”
उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे स्पष्ट रूप से कहें कि भारत किसी के दबाव में नीति नहीं बदलेगा. मौलाना ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं हो सकता. प्रधानमंत्री को संसद में खुलकर कहना चाहिए कि भारत किसी के सामने नहीं झुकेगा. हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर बताने वाले बयानों को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारत अपनी परंपराओं और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मजबूती से खड़ा रहेगा. हम किसी विदेशी नेता की धमकियों के सामने सरेंडर नहीं करेंगे. देश का हर नागरिक सरकार के साथ खड़ा है और विदेश नीति की संप्रभुता की रक्षा के लिए एकजुट रहेगा.
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एसएचके/एबीएम