बिहार में बदलाव की जरूरत, बनेगी महागठबंधन की सरकार: एनी राजा

नालंदा, 31 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव में सभी Political दलों की ओर से प्रचार तेज कर दिया गया है. इस बीच एनडीए की ओर से जारी जारी घोषणापत्र पर सीपीआई (एम) नेता एनी राजा ने दावा किया है कि घोषणापत्र से कुछ भी नहीं होगा. इस बार बिहार की जनता ने बदलाव करने का मन बना लिया है.

से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र Government आज देश की सबसे बड़ी दुश्मन है. यह लोगों में नफरत फैला रही है और हमारे देश को, जो हमेशा से अपनी धार्मिक विविधता, लोकतंत्र और संघीय चरित्र के लिए जाना जाता रहा है, एक धार्मिक रूप से प्रेरित हिंदू राष्ट्र में बदलने की कोशिश कर रही है.

इसकी वजह से देश के अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग पीड़ित हैं. भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है. सच्चाई यह है कि इन समुदायों को कोई वास्तविक समर्थन नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वर्तमान Government से परेशान है. एक मौका है महागठबंधन चुनाव जीते, राज्य की Government बदले. मैंने अन्य साथियों से भी बात की है, सभी यही कहते हैं. लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा. पलायन सबसे बड़ा मुद्दा है, एनडीए के लोग इस पर कुछ भी नहीं बोल रहे.

एनी राजा ने कहा कि यही कारण है कि महागठबंधन के घोषणापत्र में तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम हर परिवार को कम से कम एक नौकरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह हमारे सामने एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि बिहार के युवाओं में बेरोजगारी एक गंभीर चिंता का विषय है. बिहार के युवाओं की ऊर्जा और श्रम का उपयोग बिहार के विकास में होना चाहिए, न कि उन्हें कहीं और पलायन के लिए मजबूर किया जाना चाहिए.

सीपीआई (एम) नेता एनी राजा ने कहा कि आज बिहार के परिवारों की वास्तविकता दर्दनाक है. माता-पिता एक जगह रहते हैं, बेटे दूसरी जगह और पति-पत्नी अलग-अलग शहरों में रहते हैं, हमें यह बदलना होगा.

नालंदा के बिहारशरीफ विधानसभा सीट पर प्रचार के दौरान एनी राजा ने कहा कि अगर मैं बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र की बात करूं, तो मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे महागठबंधन उम्मीदवार, सीपीआई नेता शिव कुमार यादव जरूर जीतेंगे. शिव कुमार यादव कोई बाहर से नहीं आए हैं. उन्होंने अपना पूरा जीवन इसी क्षेत्र में और इसी जिले में बिताया है. उन्होंने लगातार लोगों के मुद्दों को उठाया है, चाहे वह रोजी-रोटी, सम्मान, शिक्षा या आम लोगों की कोई अन्य चिंता हो.

डीकेएम/वीसी