देश के आर्थिक विकास से ‘ब्रांड इंडिया’ में बीते कुछ वर्षों में हुआ जबरदस्त सुधार : सौमित्र दत्ता

नई दिल्ली, 4 दिसंबर . ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सौमित्र दत्ता ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में को बताया कि बीते कुछ वर्षों में हुई आर्थिक तरक्की के कारण ‘ब्रांड इंडिया’ की इमेज में काफी सुधार हुआ है और भारत को निवेश के लिए आकर्षक जगह के रूप में देखा जाता है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में बिजनेस स्कूल के डीन और प्रोफेसर दत्ता ने कहा, “जब मैं भारत में युवाओं से बात करता हूं, तो मैं उन्हें बताता हूं कि अभी आपके पास जो ब्रांड है, वह बहुत बड़ा फायदा है और वे इसे हल्के में नहीं लेते हैं. जब मैं 30 साल पहले विदेश में पढ़ाई के लिए आया, तो भारत का ब्रांड बहुत अलग था.”

उन्होंने आगे कहा, “भारत अवसरों की भूमि है और ग्लोबल स्टेज पर इसे एक बड़े खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है. यह इस वजह से भी और अहम हो जाता है, क्योंकि एक बड़ा देश होने के साथ भारत के पास एक बड़ी आबादी भी है.”

प्रोफेसर की ओर से कहा गया कि भारत को पूरे विश्व के विकास में एक अहम योगदानकर्ता के रूप में देखा जाना चाहिए. ग्लोबल साउथ में भी भारत वास्तविक विकास में योगदानकर्ता रहा है. उदाहरण के लिए प्रगति सिस्टम जो रुकी हुई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने में सफल रही है.

उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल साउथ के लिए प्रगति इकोसिस्टम एक सबक है. ग्लोबल साउथ के अन्य लीडर्स और अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया के बड़े हिस्सों को भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश और व्यापक बदलावों की आवश्यकता है. उन्हें यह भी जानने की जरूरत है कि इन परियोजनाओं को बेहतर और अधिक प्रभावी ढंग से, तेजी से और अधिक कुशलता से कैसे किया जाए.

दत्ता ने बताया, “प्रगति इकोसिस्टम उन्हें ऐसा करने का मार्ग दिखाता है. मुझे लगता है कि भारत उस स्थिति में है, जहां वह न केवल अपनी मदद कर सकता है बल्कि दूसरों की भी मदद कर सकता है.”

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की “ग्रिडलॉक से ग्रोथ तक- कैसे नेतृत्व ने भारत के प्रगति इकोसिस्टम के जरिए विकास को शक्ति प्रदान की” शीर्षक वाली रिपोर्ट के सह-लेखक दत्ता ने कहा कि इस स्टडी का फोकस था कि नेशनल डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में भारत की प्रगति ने राष्ट्र के विकास को कैसे प्रभावित किया है.

एबीएस/एबीएम