न्यूयॉर्क, 9 जुलाई . अमेरिकी संगठनों इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन (आईएमएफ) और द यूनिटी ऑफ फेथ फाउंडेशन, इंडिया (टीयूएफएफ) ने न्यूयॉर्क में एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जहां विभिन्न धर्मों के नेताओं ने मोदी सरकार 3.0 को लेकर चर्चा की. इस दौरान अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर पर मोदी 3.0 का जश्न भी मनाया गया.
राज्यसभा सांसद और आईएमएफ संयोजक सतनाम सिंह संधू का कहना है कि 2014 तक, अल्पसंख्यक समुदाय लगभग 65 वर्षों से विकास और शिक्षा के मामले में अपने पिछड़ेपन को स्वीकार कर चुके थे और खुद को अलग-थलग महसूस करते थे.
उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों के जीवन में बदलाव आया है. मोदी सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं को लागू करते समय समावेशी दृष्टिकोण अपनाया है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ, मोदी सरकार केवल एक ही धर्म को मानती है – सबसे पहले भारत. प्रधानमंत्री के रूप में, मोदी सबका विकास कर रहे हैं और किसी के प्रति तुष्टीकरण की नीति नहीं अपना रहे हैं. नए भारत में, सभी भारतीयों को समान अवसर मिल रहे हैं.”
बैठक में टीयूएफएफ की सह संस्थापक एना बोर्नहोल्ट ने कहा कि, मुझे लगता है कि पीएम मोदी असाधारण हैं. जिनके पीछे एक असाधारण शक्ति है, भारत में बहुत से लोग हैं, जो उम्मीद कर रहे हैं कि वो उनके लिए बहुत कुछ करेंगे. वह हर स्तर पर नए आयाम स्थापित कर रहे हैं, और मुझे लगता है कि दुनिया भर के लोगों को उनकी एक परिवार, एक दुनिया, एक ग्रह की अवधारणा का समर्थन करना चाहिए.
भारतवंशियों के अलावा टाइम्स स्क्वायर पर आयोजित कार्यक्रम में न्यूयॉर्क के स्थानीय लोग भी पहुंचे, इनमें से एक ने कहा कि हम भारत से प्यार करते हैं, हम भारत के लिए प्रार्थना करते हैं और हम पीएम मोदी का बहुत सम्मान करते हैं. टाइम्स स्क्वायर पर ग्लोबल सिक्योरिटी इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष, जोनाथन ग्रैनॉफ भी मोदी 3.0 के जश्न में शामिल हुए, उन्होंने कहा कि हमने अभी-अभी भारत द्वारा पूरे मानव परिवार की एकता के सिद्धांत का एक अद्भुत प्रदर्शन देखा है. यह प्रेरणादायक समावेशिता दिखाती है कि पृथ्वी की रक्षा की जानी चाहिए.
टीयूएफएफ के सह-संस्थापक डॉ. शामेंदर तलवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत की स्थिति को मजबूत किया है और प्रवासी भारतीयों को एक नई पहचान दी है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, हम 2030 से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं. उन्होंने भारतीय प्रवासी समुदाय को एक नई पहचान दी है.
उन्होंने कहा कि, जब भी मैं भारत की यात्रा करता हूं, तो भारत के सभी क्षेत्रों में जबरदस्त विकास और प्रगति दिखाई देती है. पिछले 10 वर्षों में देश ने बुनियादी ढांचे, सड़कों या बुलेट ट्रेन जैसे विकास के नए क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. एनआरआई पहले भारत से जुड़े होने में थोड़ा शर्मिंदा महसूस करते थे, लेकिन अब उन्हें अपनी भारतीय पहचान पर गर्व है.
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