लखनऊ पर भारी पड़ सकती है उनकी धीमी रन बनाने की गति (प्रीव्यू)

हैदराबाद, 7 मई आईपीएल 2024 में बुधवार को सनराइज़र्स हैदराबाद अपने घर में लखनऊ सुपर जायंट्स का सामना करेगी. यह मैच दोनों ही टीमों के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि इस मैच से ही दोनों में से किसी एक के प्‍लेऑफ़ में जाने का रास्‍ता साफ़ हो सकता है. तो चलिए इस मैच से जुड़े आंकड़ों पर नज़र डालते हैं:

पूरन को डेथ ओवरों में चाहिए साथ

इस सीज़न 16 से 20 ओवरों के बीच लखनऊ से कम रन किसी ने नहीं बनाए हैं, उन्‍होंने इस बीच 10.12 रन प्रति ओवर बनाए हैं. इसका एक कारण उनका घरेलू मैदान एकाना है, जहां पर 18.1 गेंद में छक्‍का लगता है, जो इस बार लीग में सबसे कम है. एक अन्‍य फ़ैक्‍टर पूरन पर फ़ीनिश करने की अधिक ज़‍िम्‍मेदारी. उन्‍होंने लखनऊ के लिए 16 से 20 ओवर में 22 में से 15 छक्‍के लगाए हैं, मार्कस स्‍टॉयनिस का इस स्‍तर पर बेहतरीन स्‍ट्राइक रेट है, लेकिन उन्‍होंने इस साल तीन या चार नंबर पर अधिक बल्‍लेबाज़ी की है, जिसका मतलब है कि वह केवल तीन मौक़ों पर ही आख़‍िरी ओवरों में रूके. पिछले साल स्‍टॉयनिस नंबर पांच पर खेले थे और डेथ ओवरों में आते हुए 207 के स्‍ट्राइक रेट से 120 रन बनाए, जिसमें 12 छक्‍के शामिल थे.

नटराजन की बेहतरीन गेंदबाज़ी

आईपीएल में इस बार टी. नटराजन का गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन रहा है. नटराजन ने इस बार हर 14 गेंद में एक विकेट लिया है जो इस सीज़न सीमरों में दूसरे नंबर पर है. उन्‍होंने अब तक इस सीज़न नौ मैचों में 15 विकेट लिए हैं, जो पिछले साल से बहुत बेहतरीन है, जहां पर उन्‍होंने 27 की औसत से 12 मैच में केवल 10 विकेट लिए थे. इस सीज़न उनसे बेहतरीन प्रदर्शन हर्षल पटेल का ही रहा है, जिनका स्‍ट्राइक रेट 13.00 का रहा है.

हैदराबाद की छक्‍के मारने की ताक़त

इस सीज़न हैदराबाद की सबसे बड़ी क़ाबिलियत उनका हर फ़ेज़ में छक्‍के मारना रही है. मध्‍य ओवरों में उन्‍होंने प्रति मैच पांच छक्‍के लगाए हैं, वहीं डेथ ओवरों में उन्‍होंने अब तक 41 छक्‍के लगाए हैं, जो लखनऊ से लगभग दोगुना (22) है.

बिश्‍नोई की ख़राब फ़ॉर्म

इस सीज़न 200 से अधिक गेंद डालने वाले लेग स्पिनरों बिश्‍नोई ने एक से अधिक विकेट लेने के लिए संघर्ष किया है. बिश्‍नोई एक ही मैच में दो विकेट ले पाए, जबकि अन्‍य 10 मैचों में उन्‍हें पांच बार एक विकेट और पांच बार कोई विकेट नहीं मिल सका. गुजरात टाइटंस की तरह उनके स्पिनर राशिद ख़ान ने भी इस साल संघर्ष किया है जबकि अंक तालिका में शीर्ष दो की टीमों के स्पिनर वरूण चक्रवर्ती और युज़वेंद्र चहल छाए रहे हैं. बिश्‍नोई को भारत के अगले मुख्‍य स्पिनर के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन इस सीज़न वह कई बार महंगे साबित हुए जिसकी वजह से उन्‍हें अपने कोटे के पूरे ओवर भी नहीं करने का मौक़ा मिला. 11 मैचों में उनका 18 गेंद प्रति मैच का औसत रहा है.

आरआर/