अमरावती, 5 अक्टूबर . टमाटर की कीमत में भारी गिरावट के कारण आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में टमाटर उत्पादक किसान अपनी उपज सड़कों पर फेंक रहे हैं.
कुरनूल जिले के पाथिकोंडा थोक बाजार में टमाटर की कीमतें एक रुपए प्रति किलोग्राम तक गिर गईं, जिससे किसानों को भारी झटका लगा. टमाटर उत्पादकों ने अपनी उपज सड़क पर फेंककर अपना विरोध दर्ज कराया. इससे गूटी-मंत्रालयम रोड पर यातायात जाम हो गया.
प्रदर्शनकारी किसानों ने मांग की कि Government उनकी मदद के लिए आगे आए और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करे. उन्होंने क्षेत्र में टमाटर प्रसंस्करण कारखाना स्थापित करने की भी मांग की.
आंध्र प्रदेश 62 हजार हेक्टेयर में 41.22 टन प्रति हेक्टेयर टमाटर उत्पादकता के साथ अग्रणी है. जिले में अनुमानित टमाटर की उपज 22.17 लाख टन है. अकेले कुरनूल में लगभग 4,800 हेक्टेयर में टमाटर की खेती की जाती है, जिससे प्रति वर्ष लगभग 1,67,591 टन टमाटर की उपज होती है.
हर साल टमाटर का उत्पादन दो मौसमों में होता है. अगस्त से अक्टूबर (खरीफ) और दिसंबर से अप्रैल (रबी).
चित्तूर जिले के मदनपल्ली के बाद पाथिकोंडा थोक बाजार राज्य का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर बाजार है.
पाथिकोंडा क्षेत्र में टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों को नुकसान हो रहा था, इसलिए आंध्र प्रदेश Government ने टमाटर प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का फैसला किया.
इस साल की शुरुआत में दुडेकोंडा में 2.5 एकड़ जमीन पर 11 करोड़ रुपए की लागत से इस इकाई के लिए Governmentी आदेश जारी किया गया. प्रदेश के Chief Minister एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान इस संयंत्र का वादा किया था.
पिछले महीने, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एनडीए Government पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया, क्योंकि राज्य में प्याज और टमाटर की कीमतें बहुत कम हो गई थीं.
उन्होंने कहा था कि Chief Minister नायडू ने फसलों की कीमतों को इतना नीचे गिराने का रिकॉर्ड बनाया है, जिसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. उन्होंने बताया कि कुरनूल में प्याज 3 रुपए प्रति किलो और टमाटर 1.50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.
उन्होंने सवाल किया कि क्या इन कीमतों से किसान जीवित रह सकते हैं? क्या किसान को जीने का हक नहीं?
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पीएसके