गोधरा कांड को कवर करने वाली महिला पत्रकार ने बताया, “सोची-समझी साजिश के तहत पूरे ट्रेन को जलाने की थी योजना”

तंजानिया, 17 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ कई वैश्विक मुद्दों के साथ 2002 में हुए गुजरात दंगों के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने गोधरा ट्रेन हादसे का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने उस समय की विपक्ष पर झूठ फैलाने और सरकार की छवि खराब करने का आरोप लगाया. 2002 में गोधरा ट्रेन हादसे को कवर करने वाली महिला पत्रकार ज्योति उनादकट ने सोमवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन दिनों को याद किया. उन्होंने दावा किया कि सोची-समझी साजिश के तहत पूरे ट्रेन को जलाने की योजना थी.

गोधरा कांड कवर करने वाली महिला पत्रकार ज्योति उनादकट ने बताया, “पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में गोधरा के बारे में जो बात की है, उसे सुनकर मुझे मेरी रिपोर्टिंग की बात याद आ गई. उस समय मैं बड़ौदा में ‘चित्रलेखा’ नाम की गुजराती मैगजीन में काम कर रही थी. गोधरा में रिपोर्टिंग के समय मैंने जो मंजर देखा, वो आज भी मेरे अस्तित्व को झकझोर देती है और मेरे रोंगटे तक खड़े हो जाते हैं. हादसे के बाद ट्रेन में ऊपर पंखे तक डेड बॉडी चिपकी हुई थी.”

गोधरा से जाने से पहले मैंने फायरमैन से बात की, “जो ट्रेन से डेड बॉडी निकाल रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि अभी तक कितनी डेड बॉडी निकाली? उन्होंने कहा कि जब डेड बॉडी निकालने से फुर्सत मिलेगी, तब तो गिनेंगे. मैंने वहां पर 56 डेड बॉडी गिनी. इस हादसे के बाद जो हुआ, वो सभी को याद है. गोधरा कांड को याद करने मात्र से बहुत दर्द होता है.

27 फरवरी 2002 की बात करते हुए उनादकट ने बताया, “उस दिन साबरमती एक्सप्रेस की ए’6′ बोगी जलाई गई. उस समय ऐसी बात सामने आई थी कि प्लान पूरी ट्रेन को जलाने का था. ये एक सोची-समझी साजिश थी, जिसे लोगों ने बनाई थी. जिस पेट्रोल पंप से पेट्रोल लाया गया था, मैं वहां पर गई थी. जिस अमन गेस्ट हाउस में इसका प्लान बनाया गया था, वहां पर भी हमने रिपोर्टिंग की थी. कई जिम्मेदार व्यक्तियों का मैंने इंटरव्यू लिया और मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि एक सोची-समझी साजिश के तहत साबरमती एक्सप्रेस के ए-6 बोगी को जलाया गया था.”

उन्होंने बताया, “2002 के पहले और इसके बाद का गुजरात में एक ऐसी पीढ़ी जन्मी, जिसने एक ही शासन देखा. उन्होंने भाजपा के अलावा किसी और का शासन नहीं देखा. पीएम मोदी ने अपने पॉडकास्ट में बोला कि वो एक सेवक के रूप में काम कर रहे हैं, सीएम या पीएम लोगों के लिए होगा, लेकिन मैंने जनता की सेवा ही की है. 2002 के बाद गुजरात ने विकास के मामले में आसमान की ऊंचाइयों को छूआ है, ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा. गुजरात का जो विकास हुआ है, उसमें नरेंद्र भाई का बड़ा योगदान है. वहीं, अब भारत का विकास और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो साख बढ़ी है, उसमें नरेंद्र भाई का अहम योगदान है. हम उनके प्रयास को नहीं भूल सकते.”

उनादकट ने कहा, “पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में 2002 के बाद के गुजरात का जिक्र किया. मैं गर्व से कह सकती हूं कि 2002 के बाद का गुजरात सुखी, शांत और विकासशील है. सारे गुजराती बहुत खुश हैं. पूरे प्रदेश का विकास हो रहा है. एक भी दंगे नहीं हुए.”

इससे पहले पीएम मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में 2002 में हुए गुजरात दंगों पर अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि 27 फरवरी 2002 को उनकी सरकार (उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे) बजट पेश करने वाली थी, तभी गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली. यह एक बहुत गंभीर घटना थी, लोगों को जिंदा जला दिया गया. इस घटना को लेकर झूठ फैलाया गया और “मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई”.

पीएम मोदी ने बताया कि 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद से 2025 तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई.

उन्होंने बताया, “मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना. मेरी सरकार 27 फरवरी 2002 को बजट पेश करने वाली थी और उसी दिन हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली. यह बहुत गंभीर घटना थी. लोगों को जिंदा जला दिया गया था. आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी. जो कहते थे कि यह बहुत बड़ा दंगा है, यह भ्रम फैलाया गया है. साल 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे. साल 1969 के दंगे करीब 6 महीने तक चले थे. तब तो हम दुनिया के किसी मानचित्र पर नहीं थे. उस समय विपक्ष सत्ता में था और उन्होंने हमारे खिलाफ इन झूठे मामलों में हमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश की. उनके प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया. आरोपियों को सजा मिल चुकी है. 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई.”

एससीएच/जीकेटी