पुणे, 1 मई . केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने महाराष्ट्र के लोनावला स्थित कैवल्यधाम में गुरुवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने किया.
मंत्री जाधव ने कहा कि यह सम्मेलन भारत में आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में कार्य करेगा.
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय आयुष मिशन कॉन्क्लेव देश भर में स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को सशक्त करने हेतु एक सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में अहम कदम है. हमारा उद्देश्य एक मजबूत और एकीकृत आयुष ढांचे के माध्यम से सभी के लिए समग्र स्वास्थ्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करना है.”
मंत्री जाधव ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी के समय न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में लोगों ने आयुर्वेद, योग और आयुष पद्धतियों को अपनाकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास किए.
उन्होंने बताया कि आज देश में 95 प्रतिशत से अधिक लोग आयुष पद्धति को जानते हैं और 50 से 55 प्रतिशत लोग बीमारियों के उपचार के लिए आयुष की औषधियों का उपयोग करते हैं.
उन्होंने उल्लेख किया कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद इस क्षेत्र में तीव्र विकास और व्यापक प्रचार हुआ है और अब उद्देश्य इसे घर-घर तक पहुंचाना है.
मंत्री ने कहा, “अब हमारा योग एशियाड ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी शामिल हो चुका है. यह इस बात का प्रमाण है कि योग अब केवल साधना नहीं, बल्कि खेल के रूप में भी पहचाना जा रहा है.”
उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति में भी योग और आयुष को समुचित स्थान दिया गया है, जिससे यह ज्ञान स्कूली बच्चों के माध्यम से प्रत्येक घर तक पहुंचेगा.
इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के आयुष अधिकारियों, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया और आयुष सेवाओं के विस्तार तथा नवाचारों पर मंथन किया.
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डीएससी/एबीएम