वाराणसी, 12 मई . उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. खासकर वाराणसी में पिछले करीब डेढ़ महीने से गर्मी का सितम जारी है. यहां गंगा का जलस्तर लगातार कम हो रहा है.
वाराणसी में भीषण गर्मी होने के साथ-साथ गंगा के जलस्तर में कमी देखी जा रही है. घाटों पर नदी की चौड़ाई सिमटती हुई दिख रही है. लोगों को अब गंगा के किनारे पत्थर भी दिखने शुरू हो गए हैं. स्थानीय निवासियों ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए गर्मी के समय में घाट के हालात के बारे में बताया.
स्थानीय निवासी सुनील ने बताया, “वाराणसी में इस बार गर्मी हर बार की तुलना में बहुत ज्यादा पड़ रही है. अभी जो तापमान है, वह 43 से 44 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा रहा है. घरों से बाहर दोपहर के वक्त निकलने लायक मौसम नहीं है. अगर सिर्फ सुबह-शाम ही बाहर निकला जाए, तो बेहतर है.”
स्थानीय निवासी विकास ने बताया, “वाराणसी में लोग गर्मी से बेहाल हैं. सुबह में 8-9 बजे के बाद घरों से निकलना मुश्किल हो जा रहा है. हालांकि मुझे अपनी दुकान चलाने के लिए बाहर निकलना जरूरी है. दोपहर के वक्त घाटों पर सन्नाटा दिखने लग रहा है. पर्यटक भी कम आ रहे हैं, जिससे व्यवसाय पर असर पड़ रहा है.”
स्थानीय नाविक अमरजीत साहनी ने भी भीषण गर्मी पड़ने की बात दोहराई. उन्होंने बताया, “लोगों को घरों से बाहर निकलने में समस्या हो रही है. घाट पर इसका असर बहुत ही ज्यादा देखने को मिल रहा है. दोपहर के वक्त पूरा घाट सन्नाटा हो जा रहा है. सुबह नौ बजे से शाम 4-5 बजे तक कोई नहीं आ रहा है. उसके बाद जब धूप कम हो रही है और गंगा आरती का समय हो रहा है, लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो जा रहा है.”
उन्होंने बताया, “गंगा नदी का पानी भी सूख रहा है. जलस्तर कम हो रहा है, बीच में रेत के टीले देखने को मिल रहे हैं. हर बार की तुलना में इस बार गंगा का पानी कुछ ज्यादा ही घट रहा है.”
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एससीएच/डीएससी