वक्फ संशोधन बिल असंवैधानिक, यह मुस्लिमों के अधिकार छीनने वाला है : ओवैसी

नई दिल्ली, 24 मार्च . ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल-2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन को सही ठहराया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह बिल मुस्लिमों की धार्मिक आजादी पर हमला है. ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह बिल वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाकर इसके प्रशासन में बाधा डालता है, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 26 और 225 का उल्लंघन है.

उन्होंने सवाल उठाया कि जब दूसरे धर्मों के बोर्ड में सिर्फ उसी धर्म के लोग सदस्य बन सकते हैं, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम क्यों?

ओवैसी ने कहा, “यह बिल वक्फ की सुरक्षा या अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं, बल्कि मुस्लिमों को उनकी धार्मिक प्रथाओं से दूर करने के लिए लाया गया है.”

उनका दावा है कि भाजपा, केंद्र सरकार और आरएसएस का मकसद मुस्लिमों को उनके धर्म से अलग करना है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि संभल की मस्जिद और दिल्ली की संसद के पास की मस्जिद को सरकारी संपत्ति बताकर खतरे में डाला जा सकता है.

ओवैसी ने कहा, “यह बिल वक्फ की आय बढ़ाने या उसकी रक्षा के लिए नहीं है. यह मुस्लिमों के खिलाफ एक साजिश है. हमारी इबादत को रोकना चाहते हैं.”

उन्होंने भाजपा से पूछा कि अगर वह इतनी ही निष्पक्ष है, तो बिहार में मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग के आधार पर मिलने वाला आरक्षण खत्म करके दिखाए. उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार को भी इसे लागू करने की चुनौती दी.

ओवैसी ने कहा, “भाजपा झूठ फैला रही है. 18 करोड़ की आबादी को सामाजिक-शैक्षिक रूप से पिछड़ा रखकर विकसित भारत कैसे बनेगा?”

उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा. ओवैसी ने कहा, “जफर अली की गिरफ्तारी, एनकाउंटर और बुलडोजर चलाना कौन सा विकास है? इसकी मैं निंदा करता हूं.”

ओवैसी ने भाजपा से पूछा कि उसने वहां क्या काम किया, जो इस तरह की कार्रवाई करनी पड़ी.

एसएचके/एबीएम