केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पारित कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को बधाई दी

New Delhi, 16 जुलाई . केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सफलतापूर्वक वापसी का स्वागत करते हुए प्रस्ताव पारित किया है. शुभांशु शुक्ला Tuesday को अंतरिक्ष से वापस धरती पर लौटे. Wednesday को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अवसर को “देश के लिए गौरव, उल्लास और प्रेरणा का क्षण” बताया.

प्रस्ताव में लिखा है, “15 जुलाई को India की अनंत आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा से सकुशल धरती पर लौटे हैं. ये समूचे देश के लिए गर्व, गौरव और उल्लास का अवसर है. मंत्रिमंडल, देश के साथ मिलकर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटने का अभिनंदन करता है.”

मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा और उनके पूरे मिशन का जिक्र है. प्रस्ताव में लिखा है, “उन्होंने (शुभांशु शुक्ला) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 18 दिन का ऐतिहासिक मिशन पूरा किया. ये मिशन 25 जून को लॉन्च हुआ था, जिसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में शामिल हुए. इस मिशन के जरिए पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गया. ये India के स्पेस प्रोग्राम का एक नया अध्याय है. ये अंतरिक्ष में India की एक बड़ी उड़ान है एवं हमारे स्पेस प्रोग्राम के भविष्य की स्वर्णिम झलक देता है.”

मंत्रिमंडल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ वैज्ञानिकों की पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी और कहा कि इसकी निष्ठा, तपस्या और परिश्रम ने सपने को साकार किया.

प्रस्ताव में कहा, “आईएसएस पर रहते हुए ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अनेक प्रयोग किए. ये इंटरनेशनल स्पेस कोऑपरेशन में India की बढ़ती लीडरशिप भूमिका का प्रमाण है.”

मंत्रिमंडल के अनुसार, माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों के पुनर्जनन, शैवाल एवं सूक्ष्मजीवों की ग्रोथ और अंतरिक्ष में फसलों की क्षमता से जुड़े वैज्ञानिक अनुसंधान इसमें शामिल थे. इस मिशन में माइक्रोब्स के जीवन की संभावनाएं और इंसान की सोचने-समझने की क्षमता पर अंतरिक्ष के असर का अध्ययन भी हुआ. सायनोबैक्टीरिया जैसे जीवों के व्यवहार जैसे कई अहम विषयों पर काम किया गया. इन प्रयोगों से अंतरिक्ष में मानव जीवन को लेकर समझ और गहरी होगी और माइक्रोग्रैविटी साइंस में हम आगे बढ़ेंगे.

प्रस्ताव में मंत्रिमंडल ने कहा कि India आने वाले समय में गगनयान मिशन के जरिए और भी बड़े लक्ष्यों की ओर देख रहा है. हमने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का संकल्प भी लिया है. शुभांशु शुक्ला के मिशन की इस सफलता ने India को अपने इन लक्ष्यों के एक कदम और करीब पहुंचा दिया है. India अब मानव अंतरिक्ष मिशन की बड़ी शक्तियों में से एक बनने की ओर अग्रसर है.

मंत्रिमंडल ने Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनकी दूरदृष्टि, India की स्पेस क्षमताओं, उनके अटल विश्वास और मार्गदर्शन ने India को इस मुकाम तक पहुंचाया है. Government को इस बात पर गर्व है कि पिछले कुछ सालों में India ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं.

मंत्रिमंडल ने यह भी याद दिलाया कि 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग की थी. इस दिन को अब नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाया जाता है. इसी तरह, आदित्य-L1 मिशन ने सूर्य के रहस्यों को समझने में नई दिशा दी है. ये उपलब्धियां India की वैज्ञानिक प्रतिभा और आत्मनिर्भरता का प्रमाण हैं.

प्रस्ताव में कहा गया है, “Government ने स्पेस सेक्टर में जो सुधार किए हैं, उससे India की स्पेस इकॉनॉमी को अभूतपूर्व गति मिली है. इस सेक्टर में करीब 300 नए स्टार्टअप्स उभरे हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ है. साथ ही इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन विकास का नया इकोसिस्टम तैयार हुआ है.”

मंत्रिमंडल का मानना है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का मिशन सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता नहीं है; यह India की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा की मिसाल है. इससे हमारे बच्चों और युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी और वैज्ञानिक सोच विकसित होगी. इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में युवा साइंस और इनोवेशन को अपना करियर बनाएंगे.

इस प्रस्ताव के आखिरी में लिखा है, “मंत्रिमंडल का दृढ़ विश्वास है कि ये मिशन विकसित India के संकल्प को नई ऊर्जा देगा. 2047 तक India को विकसित राष्ट्र बनाने का जो सपना Prime Minister जी ने देखा है, उसे नई मजबूती मिलेगी.”

डीसीएच/डीएससी