पेरिस, 7 अक्टूबर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मध्य पूर्व के हालत के बारे में टेलीफोन पर बातचीत की. यह चर्चा ऐसे समय में हुई जब मैक्रों द्वारा यहूदी राष्ट्र के लिए हथियारों की सप्लाई रोकने की मांग करने पर दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आ गई.
एलीसी पैलेस (फ्रेंच प्रेसिडेंट का आधिकारिक निवास) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रविवार को दोनों नेताओं ने अपनी अलग-अलग राय को स्वीकार किया और बेहतर समझ के लिए अपनी पारस्परिक इच्छा पर जोर दिया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने नेतन्याहू को बताया कि उनका मानना है कि अब युद्ध विराम का समय आ गया है.
एलीसी के बयान में कहा गया, ‘हथियारों की सप्लाई, गाजा में युद्ध का लंबा खिंचना और लेबनान तक इसका विस्तार, इजरायलियों और क्षेत्र के सभी लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. हमें तुरंत निर्णायक कोशिश करनी चाहिए, जिससे हम इजरायल और मध्य पूर्व में सभी लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी राजनीतिक समाधान निकाल सके.”
7 अक्टूबर हमले की पहली बरसी की पूर्व संध्या पर मैक्रों ने इजराइली लोगों, खासकर पीड़ितों, बंधकों और उनके प्रियजनों के प्रति फ्रांसीसी लोगों की एकजुटता जाहिर की.
बता दें शनिवार शाम को मैक्रों के रेडियो इंटरव्यू के बाद वीकेंड में फ्रांस-इजरायल संबंध तनावपूर्ण हो गए.
मेक्रों ने राजनीतिक समाधान को अहमियत दिए जाने पर जोर दिया और गाजा में मिलिट्री अभियानों के लिए इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने की अपील की.
नेतन्याहू ने इस रुख की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “राष्ट्रपति मैक्रों और अन्य पश्चिमी नेता अब इजरायल पर हथियारों के प्रतिबंध की वकालत कर रहे हैं. उन्हें शर्म आनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि बाहरी समर्थन मिले या न मिले जीत इजरायल की होगी.
फ्रांस सरकार ने घोषणा की कि विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट स्थिति पर आगे चर्चा करने के लिए सोमवार को इजराली अधिकारियों से मिलेंगे.
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