लखनऊ, 26 जून . भारत के अंतरिक्ष मिशन पर गए शुभांशु शुक्ला को लेकर लखनऊ में उनके शिक्षकों ने खुशी जाहिर की है. शिक्षकों ने कहा कि वह थोड़ा शर्मीला था. खेल पर बहुत ज्यादा ध्यान देता था. लेकिन, पढ़ाई में भी वह काफी बेहतर था. आज वह देश का नाम रोशन कर रहा है, हम लोगों को बहुत खुशी हो रही है.
लखनऊ में गुरुवार को समाचार एजेंसी के संवाददाता ने शुभांशु शुक्ला के शिक्षकों के साथ बातचीत की.
शुभांशु शुक्ला की शिक्षिका श्वेता सक्सेना ने कहा कि शुभांशु स्वभाव से थोड़ा शर्मीला था, लेकिन पढ़ाई में ध्यान देता था. वह खेलकूद में ज्यादा अव्वल रहता था, फिर भी शिक्षा हमेशा उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण रही, जिसने शायद उसे इस उपलब्धि तक पहुंचने में मदद की. हम लोगों की ओर से उसे बहुत शुभकामनाएं हैं. हम चाहते हैं कि वो अपना टारेगट पूरा कर हम लोगों के पास सुरक्षित लौट आए. शिक्षिका ने आगे बताया कि वह पढ़ाई में टॉप-10 में आता था. सभी सवालों का अच्छे से जवाब देता था. साइंस उसका पसंदीदा विषय था. खेल में उसकी बहुत रूचि थी. जितना खेल पर ध्यान देता था, उतना ही पढ़ाई पर भी ध्यान देता था. उसकी यात्रा बहुत अच्छी रही है. हम चाहते हैं कि हमारे सभी छात्र शुभांशु की तरह की सफल हों.
शिक्षिका अर्चना अग्रवाल ने कहा कि वह हमेशा अपने लक्ष्य को लेकर फोकस रहता था. हालांकि शुरू में उसने कभी विशेष रूप से अंतरिक्ष में जाने के बारे में सोचा नहीं था. लेकिन, उसमें कुछ करने का जज्बा था, उसे अपना नाम बनाना था. आज उसने अपना नाम बनाया है. जिसे देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है.
एक अन्य शिक्षिका ने कहा कि शुभांशु मेरी देखरेख में कक्षा 6, 7 और 8 के दौरान हमारे सेक्शन में ही रहा, वह बहुत ही प्यारा बच्चा था. वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करता था, दोस्तों के साथ घुलमिल जाता था, खेल और पढ़ाई में अव्वल था, और हमेशा कुछ हासिल करने और अपना नाम बनाने की तीव्र इच्छा रखता था.
डॉक्टर सुनीता पांडे ने बताया कि शुभांशु शुक्ला काफी अच्छा बच्चा था. खेल में काफी अच्छा था. वह भारत का नाम रोशन कर रहा है तो हमें काफी गर्व है. हमारे लिए बहुत अच्छी बात है. वह क्लास रूम से सीधे अंतरिक्ष तक पहुंचा है, हमें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.
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डीकेएम/जीकेटी