दिल्ली चुनाव : प्रत्याशी अवध ओझा पर लटकी चुनाव नहीं लड़ पाने की तलवार, ‘आप’ जाएगी आयोग के द्वार

नई दिल्ली, 13 जनवरी . शिक्षक से नेता बने अवध ओझा को आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज से मैदान में उतारा है. अब उनके चुनाव लड़ने, नामांकन करने और पटपड़गंज से वोटर होने को लेकर सवाल खड़ा हो गया है. उनका वोट उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा का बना हुआ है. उन्होंने अपने वोट को ट्रांसफर करने का आवेदन दिया था. चुनाव अधिकारी के पत्र के मुताबिक अब डेट निकल चुकी है. लिहाजा अब उनके नामांकन भरने पर भी संशय की तलवार लटकी हुई है.

इसे लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, पंजाब के सीएम भगवंत मान और पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज उनके घर जाट समुदाय के लोग मिलने आए थे. वो लोग धन्यवाद दे रहे थे कि उनको केंद्र की लिस्ट में जुड़वाने के लिए “आप” ने प्रयास किया है. इस मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के नाम पर एक चिट्ठी लिखी थी और उन्हें याद दिलवाया था कि 2015 में प्रधानमंत्री ने जाट समाज को आश्वासन दिया था कि दिल्ली की लिस्ट में जाट समाज ओबीसी की कैटेगरी में आता है. केंद्र की लिस्ट में नहीं आता है. उन्हें केंद्र की लिस्ट में भी डाला जाएगा.

अरविंद केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी या दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी भी कॉलेज में राजस्थान के जाट समाज को रिजर्वेशन मिलता है. लेकिन, दिल्ली के जाट समाज को रिजर्वेशन नहीं मिलता. इससे बड़ी विसंगति और क्या हो सकती है. एम्स, सफदरजंग, एनडीएमसी, डीडीए, केंद्र सरकार के दिल्ली स्थित सभी संस्थाओं में राजस्थान के जाट समाज को रिजर्वेशन मिलता है. लेकिन, दिल्ली के जाट समाज को रिजर्वेशन नहीं मिलता. इसे दूर करने के लिए 2015 में प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया था.

अरविंद केजरीवाल ने यह भी बताया कि हम इलेक्शन कमीशन जा रहे हैं. हम लोग दोपहर 3 बजे इलेक्शन कमीशन जाएंगे. अवध कुमार ओझा पटपड़गंज से हमारे कैंडिडेट हैं. उनका वोट ग्रेटर नोएडा में बना हुआ था. जिसके लिए उन्होंने 26 दिसंबर को फॉर्म 6 भरकर चुनाव आयोग को आवेदन दिया था. उन्हें वहां से कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद किसी ने उनसे कहा कि क्योंकि आपका ग्रेटर नोएडा में वोट बना हुआ है तो आपको फॉर्म 6 नहीं, फॉर्म 8 भरना पड़ेगा. ट्रांसफर के लिए तो उन्होंने 7 जनवरी को फॉर्म 8 भर दिया. कानून के मुताबिक 7 जनवरी फॉर्म 8 भरने की लास्ट डेट थी.

उन्होंने आगे बताया कि इलेक्शन कमीशन के मैनुअल यह कहते हैं कि आखिरी डेट ऑफ नॉमिनेशन से 10 दिन पहले तक फॉर्म 6 और फॉर्म 8 भरे जा सकते हैं. 17 जनवरी लास्ट डेट है तो 10 दिन पहले मतलब 7 जनवरी लास्ट डेट थी. उन्होंने लास्ट डेट को फॉर्म 8 भर दिया था. दिल्ली के चुनाव अधिकारी ने एक आदेश निकाला, जिसमें उन्होंने लिखा कि 7 जनवरी लास्ट डेट है. इसके एक दिन बाद दोबारा आदेश निकाला और उसमें कह दिया 6 जनवरी लास्ट डेट है. यह दूसरा ऑर्डर क्यों निकाला गया. यह कानून के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने भी ऑर्डर निकाला था कि 7 जनवरी लास्ट डेट होगी फिर अचानक से ऐसा प्रतीत होता है कि पीठ पीछे कुछ हुआ है. अचानक से ऑर्डर बदल गया और 7 जनवरी नहीं, 6 जनवरी लास्ट डेट मानी जाएगी. क्या ऑर्डर को अवध ओझा के खिलाफ निकाला गया?

पीकेटी/एबीएम