झारखंड में रामनवमी पर पावर कट का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका निष्पादित की

नई दिल्ली/रांची, 8 अप्रैल . सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में रामनवमी और अन्य त्योहारों के दौरान बिजली आपूर्ति से संबंधित मामले में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) मंगलवार को निष्पादित कर दी.

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में स्वतः संज्ञान के आधार पर दर्ज पीआईएल की सुनवाई करते हुए त्योहारों पर निकलने वाली शोभा यात्राओं के दौरान बिजली की आपूर्ति पूरी तरह बंद करने के राज्य सरकार के निर्देश पर रोक लगा दी थी. हाई कोर्ट के इस आदेश पर असहमति जताते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

सरकार ने याचिका में तर्क दिया था कि रामनवमी और अन्य त्योहारों के दौरान जुलूसों में इस्तेमाल होने वाले लंबे झंडों से विद्युत दुर्घटनाओं का खतरा रहता है, इसलिए एहतियात के तौर पर बिजली आपूर्ति बंद की जाती है.

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने गत 4 अप्रैल को इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को संशोधित किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि त्योहारों के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से बिजली काटी जा सकती है, लेकिन इसके लिए न्यूनतम अवधि तय की जाए. केवल जुलूस मार्गों वाले इलाके में कम समय के लिए बिजली काटी जाए. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि अस्पताल जैसी आवश्यक सेवाएं किसी भी स्थिति में बिजली कटौती से प्रभावित नहीं होनी चाहिए.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ में मंगलवार को मामले पर फिर से सुनवाई हुई. झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि राज्य की बिजली वितरण कंपनी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, केवल जुलूस मार्गों पर ही बिजली कटौती की है. उन्होंने कहा कि जेबीवीएनएल के प्रबंध निदेशक की ओर से अदालत के निर्देशों के पालन को लेकर जल्द ही एक हलफनामा दाखिल किया जाएगा. इन दलीलों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी.

एसएनसी/एकेजे