मुंबई, 14 दिसंबर . हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में आई तेजी ने भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों को सप्ताह के अंत में सकारात्मक रुख अपनाने में मदद की. बाजार के जानकारों ने शनिवार को कहा कि निचले स्तरों से 2,000 अंकों की मजबूत उछाल से पता चलता है कि गिरावट पर खरीदारी की रणनीति बाजार में कारगर साबित हो रही है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “मुद्रास्फीति के आरबीआई के सहनीय स्तर के भीतर आने और सब्जियों की कीमतों में सुधार के कारण खाद्य कीमतों में और अधिक कमी की उम्मीद के साथ, फरवरी में मौद्रिक नीति में नरमी को लेकर उम्मीद बढ़ सकती है.”
इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में, निफ्टी में दिन के निचले स्तर से 2 प्रतिशत से अधिक की तेज रिकवरी देखी गई, जो सत्र की शुरुआत में आई महत्वपूर्ण गिरावट से उबरते हुए 220 अंकों या 0.9 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,768 पर बंद हुआ.
एफएमसीजी, आईटी और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी ने रिकवरी को समर्थन दिया, हालांकि व्यापक बाजार धारणा सतर्क रही.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “भारतीय इक्विटी में इंट्राडे बिकवाली के बाद एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिली, जहां डॉलर में मजबूती, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी और चीन के आर्थिक पुनरुद्धार को लेकर जारी संशय के बीच भारी नुकसान दर्ज किया गया.”
चीन की प्रोत्साहन योजनाओं में स्पष्टता की कमी ने मेटल शेयरों पर असर डाला, जिससे निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई.
शुक्रवार को सेंसेक्स 843.16 अंक या 1.04 प्रतिशत बढ़कर 82,133.12 पर पहुंच गया. सत्र के दौरान, बीएसई के बेंचमार्क ने 80,082 के निचले स्तर से उबरते हुए 82,213 का इंट्रा-डे हाई बनाया.
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने कमजोर प्रदर्शन किया. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 30 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,991 पर बंद हुआ. और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 59 अंक या 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,407 पर बंद हुआ.
जानकारों के अनुसार, आईआईपी और कोर सेक्टर के आंकड़ों में धीरे-धीरे सुधार वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही की आय के बेहतर प्रदर्शन की ओर इशारा कर रहा है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, ऐसा माना जा रहा है कि एफआईआई की बिकवाली कम से कम अल्पावधि से मध्यम अवधि में कम हो गई है,जो धारणा को और बढ़ावा देगी.
अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के उम्मीदों के मुताबिक रहने के बाद निफ्टी आईटी इंडेक्स एक नए उच्च स्तर पर पहुंच गया और सप्ताह के दौरान करीब 3 प्रतिशत चढ़ा, जिससे अगले सप्ताह फेड की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई.
इस बीच, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से मिले-जुले संकेतों के बाद मुनाफावसूली तेज होने से सोने में तेज बिकवाली देखी गई.
एमसीएक्स गोल्ड 79,000 रुपये से गिरकर 77,450 रुपये पर आ गया. मौजूदा कमजोरी से पता चलता है कि एमसीएक्स में 76,000-78,000 रुपये का संभावित ट्रेडिंग रेंज है, जबकि बाजार में जारी अस्थिरता के बीच अल्पकालिक दृष्टिकोण सतर्क बना हुआ है.
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एसकेटी/केआर