New Delhi, 22 जुलाई . गुजरात के पूर्व Chief Minister और वर्तमान Prime Minister Narendra Modi से जुड़े कई प्रेरक किस्से हैं, जो उनके नेतृत्व की सोच और मानवीय संवेदनाओं को दर्शाते हैं. ऐसा ही एक किस्सा साल 2010 का है, जब गुजरात अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा था. पूर्व आईएएस अधिकारी वी. कृष्णमूर्ती भी इसी किस्से का हिस्सा रहे हैं, जिनके एक पुराने इंटरव्यू ने यादों को ताजा किया है.
‘मोदी- स्टोरी’ social media अकाउंट्स ‘एक्स’ पर पूर्व आईएएस अधिकारी वी. कृष्णमूर्ति के इंटरव्यू का बहुत छोटा हिस्सा साझा किया गया, जो Narendra Modi से जुड़ा एक प्रेरणादायक प्रसंग है.
2010 में जब गुजरात अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा था, तब तत्कालीन Chief Minister Narendra Modi ने एक बेहद विचारशील और भावनात्मक पहल की. उन्होंने गुजरात के विकास में योगदान देने वाले सेवानिवृत्त नौकरशाहों और अधिकारियों को व्यक्तिगत पत्र लिखकर उनके कार्य की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया था.
ऐसे क्षेत्र में जहां सेवानिवृत्ति के बाद सार्वजनिक मान्यता दुर्लभ है, यह भाव अपनी ईमानदारी और गर्मजोशी के लिए उल्लेखनीय था. कई पूर्व अधिकारी Chief Minister से सीधा संवाद पाकर सुखद आश्चर्यचकित हुए. इन पत्रों में सिर्फ धन्यवाद ही नहीं था, इनमें एक गहरी कृतज्ञता और एक भाव प्रकट किया गया था. राज्य की यात्रा में निरंतर समावेश की भावना भी शामिल थी.
इस सम्मान को हासिल करने वालों में पूर्व आईएएस अधिकारी वी. कृष्णमूर्ति भी शामिल थे. उन पलों को याद करते हुए एक इंटरव्यू में वी. कृष्णमूर्ति ने कहा, “मैंने पहले कभी किसी राज्य में ऐसा कुछ होते नहीं सुना था. किसी राज्य में इस तरह की पहल नहीं देखी थी. इससे हमें लगा कि सालों के परिश्रम को याद किया जा रहा है और उसका सम्मान किया जा रहा है. यह एक सार्थक क्षण था.”
Prime Minister मोदी अपने व्यक्तिगत स्पर्श के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस पहल ने उनकी सामूहिक भावना के गहरे भाव को दर्शाया. इससे उनका यह विश्वास प्रदर्शित हुआ कि राष्ट्र निर्माण कोई व्यक्तिगत प्रयास नहीं है, बल्कि एक साझा मिशन है, जहां प्रत्येक योगदानकर्ता का महत्व है और उसे याद रखा जाता है.
यह पहले Prime Minister मोदी की उस सोच को दर्शाती है, जिसमें राष्ट्र और राज्य का निर्माण किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं, बल्कि एक साझा प्रयास होता है. सिर्फ यही नहीं, इससे दर्शाया गया कि हर योगदानकर्ता का महत्व है और उसे याद रखा जाता है.
–
डीसीएच/