महिलाओं की खास सहेली है ‘साप्पन की लकड़ी’, एक-दो नहीं कई मर्ज की दवा

नई दिल्ली, 11 मई . पेट में तेज दर्द, ऐंठन या सूजन, अनियमितता की समस्या से कई लड़कियों को गुजरना पड़ता है. लेकिन एक खास सहेली है, जो लड़कियों के इस दर्द में न केवल साथ खड़ी रहती है बल्कि अपने औषधीय गुणों से उनकी समस्याओं को भी चुटकी में दूर कर देता है. नाम है इसका ‘साप्पन की लकड़ी’. जिसे सप्पन की लकड़ी या पटरंगा भी कहते हैं.

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने इंस्टाग्राम पर इसे लेकर बड़ी दिलचस्प और ज्ञानपरक पोस्ट शेयर की है. वह बताती हैं कि ‘साप्पन की लकड़ी’ औषधीय गुणों से भरपूर होती है और इसमें कई समस्याओं को दूर भगाने की क्षमता होती है. नियमित रूप से या मासिक धर्म के दौरान इससे बनी चाय या काढ़े का सेवन करने से समस्याओं से राहत मिलती है. पीरियड्स पेन, अनियमितता या और कोई समस्या यह चुटकी में दूर करता है.

आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे चमत्कारिक औषधि बताया गया है. यह त्वचा के लिए भी उत्तम है और महिलाओं या लड़कियों का उन जरूरी दिनों तक में भरपूर साथ देती है. इसका इस्तेमाल शरीर को कई फायदे देता है. साप्पन की लकड़ी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ती है, मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं जैसे तेज दर्द, बेचैनी, अनियमित पीरियड्स दूर होती हैं और चेहरे पर ग्लो आने के साथ कील-मुहांसे, डार्क सर्कल और दाग-धब्बे भी दूर होते हैं.

मुनमुन गनेरीवाल के मुताबिक इसका बिना किसी झंझट के इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पीरियड्स की समस्याएं कोसों दूर भाग जाती हैं. इसके लिए आपको 1 लीटर पानी उबालना है और उसमें एक चुटकी पाथिमुघम या साप्पन की लकड़ी डालना है. अब इसे 5 मिनट तक उबलने दें. इसके बाद छान लें और इसे थर्मस फ्लास्क में स्टोर करें. इसके बाद गर्म पाथिमुघम पानी का सेवन करें. इसके सेवन से तुरंत आराम मिलता है.

वहीं, आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि साप्पन की लकड़ी चंदन की लकड़ी के बराबर ही गुणकारी होती है. इसका इस्तेमाल काढ़ा या चाय के रूप में किया जा सकता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इसे पानी में उबालकर जो सत्व निकलता है उसका सेवन करने से पेट की समस्या न केवल खत्म होती है बल्कि चेहरे या त्वचा संबंधित समस्याओं में भी फायदेमंद होती है. यूं तो इसका कोई नुकसान नहीं होता लेकिन इस्तेमाल से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

एमटी/केआर