भारत के निजी अस्पताल क्षेत्र का आकार 2030 तक लगभग दोगुना होकर 202 अरब डॉलर होने का अनुमान : रिपोर्ट

New Delhi, 11 नवंबर . India के निजी अस्पताल क्षेत्र का आकार 2025 के अनुमानित 122.3 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 202.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. Tuesday को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि India को 24 लाख अतिरिक्त हॉस्पिटल बेड की आवश्यकता है, जिसके लिए करीब 2 अरब वर्ग फुट जगह की आवश्यकता होगी.

रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती मांग, निजी निवेश, Governmentी पहलों और एआई व टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों को अपनाने से यह क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ेगा.

इस क्षेत्र ने 2025 की तीसरी तिमाही में 3.5 अरब डॉलर मूल्य के 72 सौदे दर्ज किए, जो कुल सौदों के मूल्य में तिमाही आधार पर 166 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में, India के अस्पताल क्षेत्र में महत्वपूर्ण विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) हुए, जो निवेशकों की मजबूत रुचि और देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है.

ब्रिकवर्क रेटिंग्स के रिसर्च हेड राजीव शरण ने कहा, “मजबूत मांग, मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, जोखिम प्रबंधन और प्रमुख अस्पताल समूह की ओर से मजबूत विस्तार रणनीतियों के कारण India में निजी अस्पताल उद्योग की क्रेडिट रेटिंग ‘सकारात्मक’ रहने का अनुमान है.”

रिपोर्ट में कहा गया कि India का मेडिकल टूरिज्म बाजार, जिसका मूल्य 2025 में 8.7 बिलियन डॉलर था, 2030 तक लगभग दोगुना होकर 16.2 बिलियन डॉलर हो जाएगा, जो कि सस्ती, उच्च-गुणवत्ता वाली देखभाल और सुव्यवस्थित वीजा प्रक्रियाओं के कारण संभव होगा.

मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स में दसवें स्थान पर मौजूद India ने 2023-24 में 7.3 मिलियन विदेशी मरीजों को आकर्षित किया, जो विशेष उपचारों की बढ़ती मांग को दिखाता है.

रिपोर्ट में कहा गया कि प्रमुख अस्पतालों ने एआरपीओबी (एवरेज रेवेन्यू पर ऑक्यूपाइड बेड) में वृद्धि दर्ज की है, जो अब लगभग 38,000 रुपए से बढ़कर 74,000 रुपए प्रति बेड प्रति दिन हो गया है.

इसमें आगे कहा गया है कि विशेषज्ञता और भुगतानकर्ता मिश्रण में सुधार और उच्च-मूल्य वाली प्रक्रियाओं की बढ़ती मांग के कारण आने वाले वर्षों में एआरपीओबी में वृद्धि होने की उम्मीद है.

एबीएस/