भारत के कंस्ट्रक्शन सेक्टर का आकार 2047 तक बढ़कर 1.4 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान

नई दिल्ली, 23 जनवरी . भारत का कंस्ट्रक्शन सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और इसका आकार 2047 तक 1.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी द्वारा दी गई.

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले बिल्डिंग मटेरियल और टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, शैलेश कुमार अग्रवाल ने एक इवेंट में कहा कि शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और कंस्ट्रक्शन में कम कार्बन निर्माण सामग्री का उपयोग करने के अलावा बिल्डिंग सेक्टर में ऑपरेशनल एनर्जी को कम करने की आवश्यकता है.

उन्होंने आगे कहा, “इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें अपने कंस्ट्रक्शन के तरीके पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, जिसमें मुख्य रूप से रीसाइक्लिंग और उचित उपभोग पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.”

‘लो-कार्बन बिल्डिंग ट्रांजिशन फॉर बिल्डिंग मटेरियल मैन्युफैक्चरर्स एंड टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स’ पर मास्टर ट्रेनर्स के लिए कार्यक्रम का आयोजन बिजनेस चैंबर फिक्की द्वारा ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट (जीजीजीआई) के साथ संयुक्त रूप से किया गया था.

इस प्रोजेक्ट को जीजीजीआई द्वारा जर्मनी सरकार के इंटरनेशनल क्लाइमेट इनिशिएटिव (आईकेआई) के समर्थन से भारत सहित पांच एशियाई देशों में कार्यान्वित किया जा रहा है.

जर्मन दूतावास के पर्यावरण प्रभाग की प्रमुख ताइना डाइकहॉफ ने कहा कि दोनों देश इंडो-जर्मन ग्रीन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप के फ्रेमवर्क के अंदर क्लाइमेट चेंज के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं.

इस पार्टनरशिप का लक्ष्य जलवायु शमन, अनुकूलन, प्राकृतिक कार्बन सिंक और जैव विविधता संरक्षण से जुड़ी विभिन्न पहलों को पूरा करना है.

ऊर्जा मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की निदेशक प्रवतनलिनी सामल ने उद्योगों, इमारतों और उपकरणों में ऊर्जा दक्षता के लिए बीईई की पहलों पर प्रकाश डाला.

सामल ने कहा, “बिल्डिंग सेक्टर में कई सेगमेंट विशेषकर कूलिंग में काफी एनर्जी का उपयोग किया जाता है.”

एबीएस/