भारतीय घरेलू सॉफ्टवेयर मार्केट का आकार 2035 तक बढ़कर 100 अरब डॉलर का हो सकता है : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 25 मार्च . भारत के घरेलू सॉफ्टवेयर मार्केट में आने वाले समय में तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है और 2035 तक यह पांच गुना बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.

सासबूमी और 1लैटिस की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री के आकार में वृद्धि की वजह एआई के नेतृत्व वाला ऑटोमेशन, लागत प्रभावी सॉफ्टवेयर विकास, छोटे और मध्यम बिजनेस (एसएमबी) द्वारा सॉफ्टवेयर को बड़ी संख्या में अपनाना और सरकार की डिजिटल पहलों में वृद्धि होना है.

वर्तमान (2025) में भारतीय सॉफ्टवेयर मार्केट की वैल्यू 20 अरब डॉलर है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 के बाद से भारत का सॉफ्टवेयर बाजार सात गुना बढ़ गया है. हालांकि, लगभग 75 प्रतिशत बाजार पर अभी भी वैश्विक कंपनियों के पास है.

रिपोर्ट में कहा गया कि विकास के अगले चरण में सफलता हासिल करने के लिए भारतीय स्टार्टअप्स को देश की व्यावसायिक और नियामक आवश्यकताओं के अनुरूप घरेलू समाधान विकसित करने की आवश्यकता होगी.

भारत के सॉफ्टवेयर विकास को आगे बढ़ाने में एआई और क्लाउड की अहम भूमिका होगी. इस अवसर से बाजार का आकार 35 अरब डॉलर बढ़ सकता है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आने वाले वर्षों में डिजिटल फर्स्ट बिजनेस के कारण सॉफ्टवेयर पर खर्च में इजाफा होगा. 2035 तक यह बढ़कर 26 अरब डॉलर होने की संभावना है.

साइबर सुरक्षा एक अन्य हाई ग्रोथ वाला क्षेत्र है, जिसका बाजार आकार 2025 में 1.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 10 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है.

सॉफ्टवेयर पर सरकारी व्यय भी काफी हद तक बढ़ने वाला है, जो 2025 में 1.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 8 अरब डॉलर हो जाएगा.

1लैटिस के सीईओ और सह-संस्थापक अमर चौधरी ने कहा, “एसएएएस का भविष्य उन कंपनियों का होगा जो महत्वाकांक्षा का त्याग किए बिना दक्षता हासिल कर सकती हैं.”

सासबूमी के सीईओ अविनाश राघव ने कहा, “भारत के सॉफ्टवेयर इकोसिस्टम पर लंबे समय से वैश्विक कंपनियों का प्रभाव रहा है, लेकिन अब हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. हमारे घरेलू बाजार में अवसर बहुत बड़ा और अप्रयुक्त है.”

एबीएस/