सूडान के उत्तरी दारफुर में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र, 5 नवंबर . सूडान के उत्तरी दारफुर क्षेत्र में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. राज्य की राजधानी अल-फशेर पर “रैपिड सपोर्ट फोर्सेस” नामक सशस्त्र समूह के कब्जे के बाद हिंसा और बढ़ गई है. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी (ओसीएचए) ने बताया कि अल-फशेर, टीना और वाना पहाड़ी इलाकों में Sunday को कई हवाई और ड्रोन हमलों की खबरें मिलीं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इन हमलों में आम नागरिकों की मौतें हुई हैं, लेकिन खराब हालात और संपर्क न हो पाने के कारण इन खबरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.

Monday को विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने उत्तरी दारफूर के केर्नोई बाल चिकित्सा एवं प्रसूति अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की. इस हमले में चार लोगों की मौत और तीन के घायल होने की पुष्टि हुई. उन्होंने कहा कि अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले तुरंत बंद होने चाहिए.

ओसीएचए ने कहा कि हालांकि स्थिति बहुत जोखिम भरी है, फिर भी संयुक्त राष्ट्र और उससे जुड़े संगठन वहां जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. वे कुपोषित बच्चों और कमजोर लोगों के लिए पौष्टिक आहार और विटामिन देने के कार्यक्रम बढ़ा रहे हैं. साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से सुरक्षित प्रसव और इमरजेंसी इलाज की व्यवस्था करने की कोशिश जारी है.

ओसीएचए ने बताया कि सूडान के कोर्डोफान क्षेत्र में भी सुरक्षा स्थिति खराब हो चुकी है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, Monday को उत्तर कोर्डोफान की राजधानी अल-ओबेद में एक अंतिम संस्कार सभा पर हमला हुआ, जिसमें कम से कम 40 लोगों की मौत और कई घायल हुए.

संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से अपील की है कि वे लड़ाई बंद करें, आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचाएं और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करें.

कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी अल-फशेर में बढ़ती हिंसा पर गंभीर चिंता जताई थी. उन्होंने रैपिड सपोर्ट फोर्सेस द्वारा किए जा रहे हमलों और नागरिकों पर अत्याचार की कड़ी निंदा की और दोषियों को सज़ा देने की बात कही.

परिषद के सदस्यों ने मांग की थी कि संघर्ष में शामिल सभी पक्ष नागरिकों की रक्षा करें और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें और सुरक्षित एवं निर्बाध मानवीय पहुंच को सुगम बनाएं.

एएस/