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तेल अवीव, 16 नवंबर . गाजा शांति योजना का भविष्य क्या होगा इसे लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं. बीते तीन-चार दिनों में ऐसा बहुत कुछ हुआ है जिसे देखते हुए लग रहा है कि दुनिया दो धुरियों में बंटती जा रही है. यूएनएससी में अमेरिका और रूस अपने-अपने प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इस बीच इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी साफ कह दिया है कि उनका देश किसी फिलीस्तीनी राज्य की स्थापना कराने पर राजी नहीं होगा.
द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में Monday को अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक गाजा युद्धविराम योजना पर मतदान होना है. एक मसौदा पेश किया जा सकता है जिसमें एक फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण का संभावित मार्ग भी शामिल है. इस योजना के तहत, विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा है कि इजरायल ऐसी किसी भी इकाई के निर्माण की अनुमति नहीं देगा.
उनका ये बयान Saturday को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और रूसी President व्लादिमीर पुतिन की फोन पर हुई बातचीत के बाद सामने आया है. गिदोन ने social media प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए अपनी बात रखी. उन्होंने लिखा, “इजरायल की धरती के मध्य में, उसके सभी जनसंख्या केंद्रों से न के बराबर दूरी पर और उसके भौगोलिक क्षेत्र के नजदीक इजरायल, एक फिलिस्तीनी आतंकवादी राज्य की स्थापना के लिए सहमत नहीं होगा.”
Thursday को यूएनएससी में रूस ने अमेरिकी प्रस्ताव के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में ड्राफ्ट रिजोल्यूशन पेश किया था. रूस ने ट्रंप के गाजा पीस प्लान को चुनौती दी. रूस का कहना है कि उसका प्रस्ताव दुश्मनी को पूरी तरह से खत्म करने और संतुलन बनाए रखने के लिए बनाया गया है.
इस बीच अमेरिका ने ट्रंप के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने को जरूरी बताया. यूएनएससी में अमेरिका ने कहा कि अगर उनका प्रस्ताव नहीं लागू किया गया तो फिलिस्तीन का अंजाम बेहद खराब होगा.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने मिस्र, सऊदी अरब और तुर्की सहित अरब और मुस्लिम बहुल देशों के एक समूह के साथ मिलकर Friday को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से President डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करने वाले अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को शीघ्रता से मंजूरी देने का आग्रह किया था.
एक संयुक्त बयान में, संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, Pakistan, जॉर्डन और तुर्की ने कहा कि वे परिषद के समक्ष वर्तमान में प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करते हैं और इसे “शीघ्र अपनाने” का आह्वान किया.
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केआर/