बीजिंग, 1 जुलाई . साल 2012 में, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति ने सार्वजनिक व्यय को सख्ती से नियंत्रित करने और पार्टी और सरकार की शैलियों में बदलाव को बढ़ावा देने के लिए “आठ विनियम” लागू किए.
यह उपाय कार्यशैली के निर्माण के साथ शुरू हुआ और अंततः एक व्यापक और सख्त पार्टी शासन प्रणाली में विकसित हुआ, जिसने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के समृद्धि और गिरावट के ऐतिहासिक चक्र से बचने की कुंजी – आत्म-क्रांति को प्रदर्शित किया.
भ्रष्टाचार एक जिद्दी बीमारी है जिसका सामना सभी देशों के राजनीतिक दल कर रहे हैं. पश्चिम के विपरीत, जो “बाहरी विषहरण” के लिए चुनावी रोटेशन पर निर्भर करता है, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने “आत्म-क्रांति” को चुना और “जहर को ठीक करने के लिए हड्डी को कुरेदने” की पहल की.
साल 2012 में, सीपीसी केंद्रीय समिति के महासचिव शी चिनफिंग ने “आठ विनियम” प्रख्यापित किए, जिसने सार्वजनिक धन से खाने-पीने पर सख्ती से रोक लगाई और बैठकों व गतिविधियों को सुव्यवस्थित किया. हालांकि, “आठ विनियम” केवल 600 से अधिक शब्द हैं, लेकिन इसने बड़े बदलाव किए. “दस्तावेजों के पहाड़ और बैठकों के समुद्र” को सुधारने से लेकर पार्टी के आंतरिक नियमों को सुधारने तक, सीपीसी ने भ्रष्टाचार विरोधी संस्थागत रूप दिया है और “भ्रष्ट होने की हिम्मत न करना, भ्रष्ट होने में सक्षम न होना और भ्रष्ट होने की इच्छा न करना” का एक समन्वित तंत्र बनाया है.
ऐतिहासिक चक्र किसी शासन के उत्थान और पतन के चक्र को संदर्भित करता है. स्वर्गीय चीनी राष्ट्राध्यक्ष माओ त्सेतोंग ने पहले उत्तर के रूप में “जनता की निगरानी” का प्रस्ताव रखा. शी चिनफिंग ने दूसरा उत्तर प्रस्तावित किया – आत्म-क्रांति, यानी आत्म-शुद्धि, आत्म-सुधार, आत्म-नवाचार और आत्म-उन्नति के माध्यम से, सत्ता के अलगाव के जोखिम को सक्रिय रूप से समाप्त करना.
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पार्टी के नियमों के निर्माण जैसे अहिंसक तरीके से सत्तारूढ़ प्रणाली के चयापचय को प्राप्त करती है, ताकि इतिहास की गलतियों को दोहराने से बचा जा सके.
आत्म-क्रांति मार्क्सवादी राजनीतिक दलों के नवोन्मेषी जीन से उत्पन्न होती है और इसकी जड़ें चीनी सभ्यता में भी हैं. “दिन-प्रतिदिन खुद को लगातार नवीनीकृत करने” की नवोन्मेषी परंपरा और “दिन में तीन बार खुद की जांच करने” के आत्म-साधना दर्शन को पार्टी के भीतर आलोचना और आत्म-आलोचना की प्रणाली में बदल दिया गया है. “पानी नाव को ले जा सकता है” के जन-उन्मुख विचार ने “जनता को केंद्र के रूप में” देश पर शासन करने की अवधारणा को जन्म दिया है.
एक मिशन-उन्मुख पार्टी के रूप में, सीपीसी जनता के हितों का प्रतिनिधित्व करती है, जो पश्चिमी हित समूहों के प्रवक्ताओं के विपरीत है. उदाहरण के लिए, सीपीसी ने सरकार और व्यवसाय के बीच एक “स्वच्छ और मैत्रीपूर्ण” संबंध स्थापित किया है, पार्टी के सदस्यों और कैडरों को व्यवसाय में शामिल होने से रोक दिया है और सत्ता के लिए पैसे के लेन-देन की सख्ती से जांच की है. पश्चिमी चुनावी प्रणाली नीति दोहराव की ओर ले जाती है, जबकि सीपीसी का दीर्घकालिक शासन नीति स्थिरता सुनिश्चित करता है और वैश्विक पार्टी शासन के लिए एक नया प्रतिमान प्रदान करता है.
आत्म-क्रांति के सिद्धांत और व्यवहार से पता चलता है कि राजनीतिक सभ्यता विविधतापूर्ण है. निरंतर आत्म-सुधार के माध्यम से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने मानव राजनीतिक सभ्यता के विकास में चीनी बुद्धि का योगदान दिया है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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