सत्तारूढ़ पार्टी को समझना चाहिए, देना चाहिए नेता प्रतिपक्ष पद : रईस शेख

मुंबई, 7 दिसंबर . महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शनिवार को शुरू हो गया. प्रदेश को मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम तो मिल चुके हैं लेकिन क्या विपक्ष को विधानसभा में एलओपी (नेता प्रतिपक्ष) का पद दिया जाएगा? इसे लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. विधायी नियम आड़े आ रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने सत्तारूढ़ दल को विपक्षी दलों की भावनाओं का सम्मान करने की सलाह दी है.

भिवंडी से विधायक रईस शेख ने से बातचीत में अपने विचार रखे. कहा, ” मैं नव निर्वाचित सदस्य के रूप में शपथ लेने को लेकर उत्साहित हूं. भिवंडी के लोगों ने हमें फिर से आगे आकर उनके बीच काम करने का मौका दिया है. हालांकि, मुझे महाविकास अघाड़ी गठबंधन की विफलता और वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा विभाजनकारी राजनीति करने के तरीके पर अफसोस है. मेरा मानना ​​है कि सत्तारूढ़ पार्टी को समझना चाहिए और विपक्ष को अपनी बातों को रखने के लिए एलओपी देना चाहिए. विधानसभा में विपक्ष की आवाज सुनी जानी चाहिए. मेरे लिए इस समय मिश्रित भावनाएं हैं- खुशी और अफसोस दोनों हैं.”

शपथ ग्रहण का न्योता क्या महाविकास अघाड़ी को मिला था. इस पर जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ” न्योता तो दिया गया था. लेकिन, शपथ ग्रहण का जिस तरह से भगवाकरण किया गया था. हम लोगों को उसका अफसोस है. संविधान यह कहता है कि सभी धर्मों के साथ सभी लोगों को साथ लेकर चलना है. लेकिन शपथ ग्रहण में ऐसा देखने को नहीं मिला है. इसलिए विपक्ष वहां नहीं गया है.”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभल और बांग्लादेश पर डीएनए वाले बयान पर उन्होंने कहा, ” मुख्यमंत्री ने अपनी एक लाइन तैयार कर ली है और वो इस तरह की बात करेंगे. बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है और जो संभल में हुआ है. हम दोनों की निंदा करते हैं.”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने वाले बयान पर उन्होंने कहा है कि मैं इस विषय पर बोलने के लिए बहुत छोटा हूं. लेकिन, अलायंस को अपने मुद्दों के बारे में फिर से सोचना चाहिए.

डीकेएम/केआर