पटना, 1 फरवरी . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अगले वित्तीय वर्ष के आम बजट को पेश करते हुए बिहार के लिए कई तोहफों का ऐलान किया. इसके बाद सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं का जोश बढ़ा हुआ है, वहीं विपक्ष के नेता इस बजट में की गई घोषणाओं को हवा-हवाई बता रहे हैं.
शनिवार को पेश केंद्रीय बजट में बिहार के लिए पश्चिमी कोसी नहर परियोजना, फूड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की स्थापना, नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण, मखाना बोर्ड की स्थापना, आईआईटी पटना के विस्तार जैसी कई घोषणाएं की गई हैं. बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. वहीं, बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बजट में बिहार के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने खजाना खोल दिया है. आम बजट 2025-26 में बिहार के लिए तोहफों की बारिश कर दी गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट ऐतिहासिक और बिहार को समर्पित बजट है.
उन्होंने कहा कि बजट में बिहार के किसानों, युवाओं, उद्यमियों, कारोबारियों एवं महिलाओं, हर किसी की फिक्र की गई है. आम बजट 2025-26 विकसित भारत का संकल्प पूरा करने का रोडमैप है तो विकसित बिहार का भी रोडमैप है. आम बजट 2025-26 में पूरे देश के किसानों, गरीबों, महिलाओं, बच्चों, मध्यम वर्ग और युवाओं के साथ बिहार को भी कई सौगातें दी गई हैं.
दूसरी तरफ भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने प्रदेश कार्यालय के सामने आम बजट को लेकर जश्न मनाया. भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने ढोलक बजाकर जश्न मनाया और केंद्रीय बजट की प्रशंसा की.
वहीं, कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि केंद्रीय बजट में बिहार के लिए फिर से हवा-हवाई घोषणाएं करने वाली केंद्र सरकार पिछले लोक-लुभावन बजट में हुई घोषणाओं को ही लागू नहीं कर पाई और फिर से नई घोषणाएं करके तारीफ लेने की कवायद में लगी है. यह बजट युवाओं, बेरोजगारों, किसानों, मजदूरों के हित और बिहार की मूलभूत मांगों को दरकिनार करने वाला है.
उन्होंने कहा कि बिहार के लिए इस बजट को चुनावी घोषणा का रूप दिया गया, लेकिन जनता को इस बजट से कोई सीधा लाभ नहीं है. यह ढांचागत विकास के मुद्दों को भी नहीं छूता है.
इस बीच, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बजट की आलोचना पर विपक्ष पर जोरदार तंज कसा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज बजट के बाद से बिहार विरोधियों के आंसू रुकने के नाम नहीं ले रहे होंगे. वैसे, बिहार विरोधियों को मेरी सलाह है कि आंसू पोंछने के लिए खादी के गमछे का ही उपयोग कीजिएगा, इससे आंसू भी जल्द सूख जाएंगे और हमारे ‘खादी इंडिया’ के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.”
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एमएनपी/एबीएम