गढ़वा, 6 जुलाई . झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस की एक अनोखी पहल देखने को मिली है, जहां एसपी दीपक पाण्डेय ने 20 वर्ष से बिछड़े एक बेटे को उसके मां-बाप से मिला दिया.
दरअसल यह मामला गढ़वा जिले के रंका थाना क्षेत्र के पिंडरा गांव का है. आज से 20 वर्ष पहले रामजनम नाम का शख्स काम की तलाश में हरियाणा के पलवल जिले चला गया. वहां उसकी मुलाकात एक परिवार से हुई. परिवार ने उस सीधे-साधे लड़के को अपने घर पर रख लिया, क्योंकि गांव का लड़का होने के कारण वह बेहद साधारण था.
देखते ही देखते 20 वर्ष बीत गए लेकिन रामजनम घर वापस नहीं लौटा. घर वालों को लगा उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है. वहीं रामजनम ने भी अपने मां-बाप से मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी. अचनाक रामजनम को अपने घर की याद आई तो उसने यह बात अपने मकान मालकिन को बताई.
जिसके बाद मालकिन महिला ने गूगल से गढ़वा एसपी का सरकारी नंबर निकाला और मोबाइल के माध्यम से बात करते हुए रामजनम की फोटो शेयर की. एसपी ने तत्काल रंका थाना को फोटो गांव में भेजकर पता लगाने का निर्देश दिया.
जिसके बाद थाना प्रभारी ने गांव में पहुंचकर फोटो की पहचान उसके मां-बाप से कराई. मां-बाप ने भी अपने बेटे को पहचान लिया. जिसके बाद पुलिस ने रंका थाना में मां-बाप को ले जाकर उसके बेटे रामजनम से वीडियो कॉल के माध्यम से बात कराई. रामजनम और उसके मां-बाप वीडियो कॉल के माध्यम से बात कर भावुक हो उठे. दोनों की आंखों में आंसू आ गया.
इस घटना के बाद गढ़वा एसपी की इस पहल की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है. एसपी दीपक पाण्डेय ने कहा की हरियाणा से एक महिला के द्वारा मेरे सरकारी नंबर पर एक कॉल आया था. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति 12 साल से उनके यहां काम कर रहा है, जो गढ़वा जिले का रंका थाना का पिंडरा गांव का रहने वाला है. महिला के द्वारा उस व्यक्ति की तस्वीर भी भेजी गई थी.
पुलिस के द्वारा उस गांव में जाकर उसकी पहचान रामजनम सिंह के रूप में की गई, जो विगत 20 वर्ष पहले कमाने के लिए बाहर गया था और वापस कभी नहीं लौटा. उसके माता-पिता को थाना बुलाकर पुलिस के माध्यम से वीडियो कॉल के जरिए सत्यापन कराया गया, जिसमें रामजनम और उसके माता-पिता दोनों ने एक दूसरे की पहचान लिया. घर और गांव के लोग उसे मृत समझ बैठे थे लेकिन इस वाकये ने परिवार के साथ गांव वालों के चेहरे पर खुशी ला दी.
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एकेएस/जीकेटी