आप की ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ को मरघट वाले बाबा मंदिर के पुजारी ने बताया चुनावी वादा

नई दिल्ली, 7 जनवरी . दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ की घोषणा की है. उन्होंने इस योजना का शुभारंभ कश्मीरी गेट स्थित मरघट वाले बाबा मंदिर जाकर किया था. आम आदमी पार्टी की इस योजना पर अब मरघट वाले मंदिर के पुजारी ने से खास बातचीत की.

मरघट वाले मंदिर के पुजारी पंडित वैभव शर्मा ने बताया, “हमें उनके आने के बारे में कोई सूचना नहीं थी, हमें यह सूचना सिर्फ पांच मिनट पहले ही मिली थी कि अरविंद केजरीवाल यहां आ रहे हैं, यह एक धार्मिक स्थल है और हमारा कर्तव्य है कि अगर कोई व्यक्ति आता है तो उसे बिना किसी भेदभाव के दर्शन कराया जाए. इस दौरान उन्होंने ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के बारे में बताया और कहा कि क्या आप इसका रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं. इसी के बाद हमने रजिस्ट्रेशन करवाया. हमारी तरफ से उन्हें यह बताया गया कि इस मंदिर में दो ही लोग हैं. अब हमसे पूछा जा रहा है कि आपने रजिस्ट्रेशन कराया है, तो उसका क्या होगा. मेरा मानना है कि यह चुनावी वादा है, क्योंकि 18,000 रुपये देना पॉसिबल नहीं है.”

उन्होंने आगे कहा, “यह मुझे चुनावी वादा लगता है, क्योंकि अगर उन्हें रुपये देने थे, तो उन्होंने पहले घोषणा क्यों नहीं की? चुनाव से पहले की गई घोषणा, तो सिर्फ चुनावी वादा है. पुजारी ने कहा क‍ि मैंने तो यह भी सुना था कि अभी मौलवी सैलरी के ल‍िए आंदोलन कर रहे हैं, उनको सैलरी नहीं मिल रही है. जब उन्होंने घोषणा की, तो उन्हें पैसे देने चाहिए.”

पंडित वैभव शर्मा ने अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाते हुए कहा, “मंदिरों में पुजारियों की चिंता प्रशासन करता है और मंद‍िर कमेटियां करती हैं. मुझे लगता है कि हमारे अलावा दिल्ली के अन्‍य मंदिरों में कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. यह सिर्फ फोटोशूट था, क्योंकि कहीं और रजिस्ट्रेशन की सूचना हमारे पास अब तक नहीं आई है और न ही हमने मीडिया में कुछ देखा है. उन्होंने यह भी नहीं बताया है कि पुजारी को इस योजना के लिए खुद रजिस्ट्रेशन कराना है या फिर प्रशासन के लोग पुजारी के पास आएंगे. इसके लिए कोई प्रक्रिया ओपन नहीं हुई है, इसलिए मुझे लगता है कि यह सब चुनावी वादा है.”

पंडित वैभव शर्मा ने आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्ट होने के सवाल पर कहा, “इसका निर्णय तो न्यायालय को करना चाहिए, लेकिन वह कितनी बार जेल गए और बेल पर बाहर आए हैं. अब शीश महल की भी चर्चा हो रही है कि उसमें लाखों-करोड़ों रुपये लगे हैं. बताया जाता है कि एक बड़ी कंपनी का टॉयलेट लगा है. उस कंपनी के टॉयलेट बहुत महंगे आते हैं और जो काम चार हजार में हो सकता है, तो उस पर लाखों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है? यह दुर्भाग्यपूर्ण है.”

मरघट वाले मंदिर में महिला पुजारी सावित्री देवी ने बताया, “अरविंद केजरीवाल हम लोगों का रजिस्ट्रेशन करने आए थे और वह रजिस्ट्रेशन करने के बाद यहां से चले गए. अब पैसे देंगे या नहीं देंगे, यह अलग बात है.”

एफएम/