देश में नई खेल संस्कृति की नींव साबित हो सकता है पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 8 सितंबर . पेरिस पैरालंपिक में भारत का अभियान समाप्त हो गया है. भारतीय खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए टोक्यो पैरालंपिक के रिकॉर्ड को भी बहुत पीछे छोड़ दिया है. भारत ने टोक्यो में हुए पैरालंपिक खेलों में 19 मेडल जीते थे. इस बार भारत ने 29 मेडल के साथ अपना अभियान समाप्त किया जो पैरालंपिक शुरू होने से पहले दिए गए ‘अबकी बार 25 पार’ के नारे के अनुरूप है.

इन 29 मेडल में 7 गोल्ड मेडल हैं. इसके अलावा 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल हैं. भारत इन मेडल के साथ मेडल टैली में 18वें स्थान पर रहा. यह एक ऐसा प्रदर्शन, जो समाज में दिव्यांग व्यक्तियों की आवाज को और बुलंदी से पहुंचाने का काम करेगा. पैरा एथलेटिक्स में तो भारत ने कमाल कर दिया जहां कुल 17 पदक जीते गए. टोक्यो में भारत ने 8 पदक एथलेटिक्स में जीते थे. भारत ने खासकर थ्रोइंग स्पोर्ट्स में बहुत खास प्रदर्शन किया.

इसलिए पैरालंपिक के इतिहास में भारत ने पहली बार ट्रैक इवेंट में मेडल जीता. प्रीति पॉल ने 100 मीटर और 200 मीटर की टी35 रेस में दो मेडल जीते. दीप्ति दीवानजी ने 400 मीटर टी20 इवेंट में मेडल जीता. सिमरन ने 200 मीटर टी12 इवेंट में पदक जीता. सुमित अंतिल और नवदीप सिंह के प्रदर्शन के चलते जैवलिन में दो गोल्ड मेडल आए. जैवलिन थ्रो भारत के लिए एक नया उत्साहजनक खेल बनकर उभर रहा है. इन दो पैरालंपिक पदक के बैकग्राउंड में पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा द्वारा जीता गया सिल्वर मेडल है.

जैवलिन थ्रो जैसा बेहद तकनीकी खेल जहां यूरोप का बोलबाला था, वहां भारत का उभार शानदार है. पहली बार पैरालंपिक इतिहास में ऐसा हुआ कि यूरोप का खिलाड़ी इस इवेंट में पोडियम फिनिश नहीं कर पाया. इसके अलावा क्लब थ्रो में धर्मबीर ने पुरुष एफ31 वर्ग में गोल्ड मेडल जीता. एथलेटिक्स में हाई जंप में प्रवीण कुमार, निषाद कुमार, शरद कुमार, मरियप्पन थंगावेलु ने दुनिया को चौंकाया.

यह सब पदक भारत के लिए बेहद खास हैं. ओलंपिक या पैरालंपिक में मेडल क्रिकेट से हटकर खेलों पर सबका ध्यान आकर्षित करता है. पैरालंपिक में भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन से ऐसी खेल संस्कृति विकसित होने की उम्मीद है जहां सामान्य और दिव्यांग खिलाड़ियों को समान सम्मान मिलेगा. पैरालंपिक में इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने अपना काम कर दिखाया है. अब सरकार की आगे भूमिका अहम होगी. भारत सरकार पहले ही पैरालंपिक खिलाड़ियों के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट आवंटित कर चुकी है.

पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत के उल्लेखनीय प्रदर्शन ने जहां आगे के लिए अपेक्षाएं बढ़ा दी हैं तो वहीं चीन, ग्रेट ब्रिटेन, यूएसए जैसे देशों का जलवा कायम है. 8 सितंबर तक, रिपब्लिक ऑफ चाइना ने 94 गोल्ड मेडल समेत 217 मेडल के साथ टॉप किया है. ग्रेट ब्रिटेन ने 47 गोल्ड मेडल जीते हैं और यूएसए ने 36 गोल्ड मेडल जीते हैं, इन देशों ने क्रमशः 120 और 103 कुल पदक जीते हैं.

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