मंगोलिया में खसरे का प्रकोप, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 10

उलान बाटर, 29 जुलाई . मंगोलिया में खसरे से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. देश के राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (एनसीसीडी) के अनुसार, हाल ही में दो और लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हुई है.

एनसीसीडी की ओर से Monday को जारी बयान में बताया गया कि फिलहाल 109 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से छह बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है.

संस्थान ने अभिभावकों से अपील की है कि वे खसरे जैसी संभावित घातक बीमारी से अपने बच्चों की रक्षा के लिए उन्हें खसरे के दो टीके अवश्य लगवाएं.

खसरा एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने-छींकने से निकलने वाली बूंदों या सीधे संपर्क से फैलती है. इसके सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, सूखी खांसी, बहती नाक, गले में खराश और आंखों में सूजन शामिल हैं. शरीर पर चकत्ते इसका प्रमुख लक्षण होता है.

यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन बच्चों में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है. वायरस पहले श्वसन तंत्र पर हमला करता है और फिर पूरे शरीर में फैलता है.

टीकाकरण ही खसरे से बचाव का सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीका है. 1963 में खसरे के टीके के आने से पहले हर दो-तीन वर्षों में बड़े पैमाने पर इसका प्रकोप देखने को मिलता था, जिससे हर साल अनुमानित 26 लाख मौतें होती थीं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन, खसरा और रूबेला साझेदारी और अन्य वैश्विक साझेदारों के सहयोग से 2000 से 2023 के बीच तीव्र टीकाकरण अभियानों की बदौलत करीब 6 करोड़ मौतों को रोका गया है. 2000 में जहां खसरे से लगभग 8 लाख लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2022 तक यह संख्या घटकर करीब 1.07 लाख रह गई थी.

हालांकि, आज भी खसरा दुनिया के कई हिस्सों में, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और एशिया के कुछ क्षेत्रों में एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है, खासकर उन देशों में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं कमजोर हैं और सभी बच्चों तक टीकाकरण पहुंच नहीं पाता.

डीएससी/