भोपाल, 13 मार्च . मध्य प्रदेश के वन्य प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है, राज्य में गिद्धों की संख्या में 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और अब उनकी आबादी लगभग 13 हजार तक पहुंच गई है.
मुख्यमंत्री निवास में स्थित समत्व भवन में मध्य प्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 28वीं बैठक हुई, जिसमें दो वन्य जीव अभयारण्यों की स्थापना को मंजूरी दी गई.
बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार के प्रभावी प्रयासों का ही सुखद परिणाम है कि प्रदेश में बाघ, तेंदुआ, चीता, हाथी, घड़ियाल के साथ-साथ विलुप्त होती प्रजाति के गिद्धों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है. इस साल 17 से 19 फरवरी 2025 को हुई ताजा गिद्ध जनगणना के अनुसार, प्रदेश में 12 हजार 981 गिद्ध पाए गए हैं. गिद्धों की संख्या बीते एक साल में ही 19 प्रतिशत बढ़ी है.
उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर वन्य जीव अभयारण्य देवास-खंडवा जिले के करीब 614.07 वर्ग किलोमीटर वन रकबे में तथा जहानगढ़ वन्य जीव अभयारण्य श्योपुर जिले के 6.328 वर्ग किलोमीटर वन रकबे पर विकसित किया जाएगा, जिनके लिए आज मंजूरी दी गई.
मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में वन्य जीव पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं और सरकार दृढ़ संकल्प के साथ वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव सहित जलीय जंतुओं के संरक्षण के लिए भी काम कर रही है.
बैठक में बताया गया कि उज्जैन जिले के नौलखी में वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर सह चिड़ियाघर प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री ने इस सेंटर की स्थापना की प्रगति की जानकारी ली और इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसे वन्य जीव पर्यटन के लिहाज से तैयार किया जाए.
बैठक में बताया गया कि उज्जैन की तरह एक वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर सह चिड़ियाघर का निर्माण जबलपुर जिले में भी प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश वन्य जीवों की विविधता से भरा राज्य है. यहां के मंदसौर, नीमच, शिवपुरी समेत चंबल के जिलों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं.
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एसएनपी/एकेजे