नई दिल्ली, 7 नवंबर . घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या अक्टूबर में 6.3 प्रतिशत बढ़कर 138.5 लाख हो गई, जो पिछले महीने 130.3 लाख थी. यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.
क्रेडिट रेटिंग आईसीआरए के मुताबिक, घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या अक्टूबर में सालाना आधार पर 9.6 प्रतिशत बढ़ी है. यह अक्टूबर 2019 के प्री-कोविड स्तर 122.8 लाख से 12.8 प्रतिशत ज्यादा है.
चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में (अप्रैल-अक्टूबर) तक हवाई यात्री की संख्या 5.9 प्रतिशत बढ़कर 932 लाख रही है.
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में भारतीय विमान कंपनियों में 162.6 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने सफर किया. इसमें सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय एविएशन इंडस्ट्री का आउटलुक स्थिर बना हुआ है, क्योंकि हवाई यात्रियों के ट्रैफिक में नरमी आने की उम्मीद है और लागत भी स्थिर रह सकती है.
आईसीआरए को उम्मीद है कि भारतीय एविएशन इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में 20-30 अरब रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज करेगी, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 10 अरब रुपये था.
इंडस्ट्री की विभिन्न एयरलाइनों को आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसमें प्रैट एंड व्हिटनी (पी एंड डब्ल्यू) इंजनों का फेल होना प्रमुख है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न एयरलाइनों द्वारा किया जाता है.
वित्त वर्ष 2024 में गो एयरलाइन (इंडिया) को प्रैट एंड व्हिटनी (पी एंड डब्ल्यू) इंजनों के फेल होने के कारण अपनी आधी फ्लीट को ग्राउंड करना पड़ा था.
पी एंड डब्ल्यू इंजनों के फेल होने के कारण इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) को भी 30 सितंबर तक 70 से अधिक एयरक्राफ्ट को ग्राउंड करना पड़ा था.
रिपोर्ट में कहा गया कि कुल मिलाकर, भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में 30 जून तक चुनिंदा एयरलाइनों के 134 विमान खड़े थे, जो कुल इंडस्ट्री बेड़े का 15-17 प्रतिशत है, इसका असर कुल इंडस्ट्री क्षमता पर देखा जा रहा है.
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एबीएस/