New Delhi, 15 जुलाई . आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के बाद एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) स्कीम सरकार का एक अगला कदम है. यह बयान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार व युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया की ओर से दिया गया.
ईएलआई योजना के तहत नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे विशेषकर युवाओं के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजित कर सकेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने इस स्कीम को नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों दोनों के लिए फायदेमंद बताया.
राज्यों के श्रम मंत्रियों और उद्योग मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक के दौरान, उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रकाशित केएलईएमएस डेटा का हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि पिछले दशक के दौरान 17 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं.
उन्होंने कहा कि यह देश द्वारा की गई महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति का प्रतिबिंब है, जो विशेष रूप से निर्माण, विनिर्माण और सेवा जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि से प्रेरित है.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस गति को बनाए रखा जाना चाहिए और ईएलआई जैसी योजनाओं के माध्यम से इसे और तेज किया जाना चाहिए, जो गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजित करने, औपचारिकता को गहरा करने और समावेशी विकास को समर्थन देने के लिए डिजाइन की गई हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्रम और उद्योग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. देश के कार्यबल और अर्थव्यवस्था के व्यापक हित के लिए दोनों को निकट समन्वय में काम करना चाहिए.
उन्होंने प्रतिभागियों को आश्वस्त किया कि योजना के तहत प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को सरल रखा गया है ताकि पहुंच आसान हो और व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके.
केंद्रीय मंत्री ने राज्य मंत्रियों से मीडिया ब्रीफिंग, टेलीविजन और रेडियो साक्षात्कारों और अन्य आउटरीच प्लेटफार्मों के माध्यम से इस योजना का सक्रिय रूप से प्रचार करने का भी आग्रह किया. उन्होंने जमीनी स्तर पर व्यापक योजना और जागरूकता निर्माण के महत्व पर जोर भी दिया.
कुल 99,446 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ, ईएलआई योजना का लक्ष्य दो वर्षों की अवधि में देश भर में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करना है.
–
एबीएस/