तेल अवीव, 9 अक्टूबर . इजरायल-हमास शांति ढांचे के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं. इसके तहत बंधकों की रिहाई होनी है. पूरा इजरायल उत्साहित है. बंधकों को सुरक्षित वापिस लाने की तैयारी जोरों पर है. इस बीच Prime Minister बेंजामिन नेतन्याहू ने अभियान को एक नाम भी दिया है और वो ‘रिर्टन टू देयर बॉर्डर’ है.
द टाइम्स ऑफ इजरायल ने इस बात की जानकारी दी है. Prime Minister कार्यालय से जारी एक बयान के हवाले से बताया कि युद्धविराम समझौते के तहत गाजा में शेष 48 बंधकों (जीवित-मृत दोनों) को वापस लाने के इजराइली अभियान को ‘रिटर्न टू देयर बॉर्डर’ (सामान्य भाषा में कहें तो अपने घर वापसी) अभियान कहा जाएगा.
दरअसल, इस अभियान का नाम बाइबिल की यिर्मयाह की पुस्तक में अक्सर उद्धृत एक वर्स (ईश्वर के वचन) से लिया गया है, जिसे पारंपरिक रूप से रोश हशनाह के दिन यहूदी प्रार्थना स्थल में पढ़ा जाता है, जहां ईश्वर वादा करते हैं कि इजरायली बच्चे निर्वासित होने के बाद “अपने बॉर्डर में लौटेंगे.” इस पद का प्रयोग इजरायली राजनीति और संस्कृति में युद्ध की समाप्ति के प्रतीक के रूप में अक्सर किया जाता रहा है.
बयान में कहा गया है कि Prime Minister ने “बंधकों को बचाने के अभियान को ‘रिटर्न टू देयर बॉर्डर’ कहने का फैसला किया है.” ये बंधकों की रिहाई के चरण को मंजूरी देने के लिए सुरक्षा कैबिनेट और Governmentी बैठक से पहले हुआ था.
इस बीच, रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा है कि उन्होंने आईडीएफ को निर्देश दिया है कि गाजा पट्टी में इजरायली सेना को नुकसान पहुंचाने की हमास की किसी भी कोशिश का “पूरी ताकत से जवाब” दिया जाए, क्योंकि Government इस क्षेत्र में युद्धविराम को मंजूरी देने वाली है.
काट्ज ने Thursday शाम सुरक्षा कैबिनेट की बैठक से पहले आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की.
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केआर/