काठमांडू, 20 अक्टूबर . इजरायल में हमास हमले के दौरान मारे गए नेपाली छात्र बिपिन जोशी का पार्थिव शरीर Monday को काठमांडू लाया गया. जोशी के एक वर्ष से अधिक समय तक बंधक रहने और बाद में मारे जाने की पुष्टि हुई थी.
बिपिन जोशी कंचनपुर जिले की भीमदत्त नगरपालिका के निवासी थे. वे ‘लर्न एंड अर्न’ कार्यक्रम के तहत उच्च शिक्षा और कृषि प्रशिक्षण के लिए इजरायल गए थे. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने गाजा के पास स्थित एक कीबुत्ज क्षेत्र पर हमला किया था, जहां नेपाली छात्रों समेत कई विदेशी नागरिक काम कर रहे थे. उसी दौरान बिपिन जोशी को आतंकियों ने अगवा कर लिया था.
हमले के बाद कई महीनों तक जोशी के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं मिल सकी. नेपाल Government ने लगातार इजरायल और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से संपर्क बनाए रखा, लेकिन उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई. बाद में 10 अक्टूबर 2023 को इजराइली अधिकारियों ने नेपाल Government को आधिकारिक रूप से सूचित किया कि बिपिन जोशी हमले में मारे गए थे.
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल की शुरुआत में इजरायल और हमास के बीच हुए संघर्षविराम और कैदी विनिमय समझौते के दौरान हमास ने बिपिन जोशी का शव इजरायली सेना को सौंपा. पहचान की पुष्टि के बाद उनके पार्थिव शरीर को नेपाल लाने की प्रक्रिया शुरू की गई.
काठमांडू लाए जाने से पहले जोशी को इजरायल में श्रद्धांजलि दी गई. तेल अवीव स्थित खतिवा 8 स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया, जिसके बाद Sunday को बेन गुरियन एयरपोर्ट पर एक और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे उनके ताबूत को नेपाली दूतावास में नेपाली समुदाय के प्रतिनिधियों और इजरायली अधिकारियों ने लिया.
Monday को जब पार्थिव शरीर त्रिभुवन एयरपोर्ट पहुंचा तो नेपाल Government की ओर से आधिकारिक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर अंतरिम Prime Minister सुशीला कार्की, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. कार्की ने ताबूत पर पुष्पचक्र अर्पित किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने बिपिन को नेपाल का एक युवा और साहसी प्रतिनिधि बताया.
Prime Minister ने कहा, “Government बिपिन के परिवार के गहरे दुख में शामिल है. उनका बलिदान हमें उन खतरों की याद दिलाता है जिनका सामना कई नेपाली विदेश में काम करते और पढ़ते समय करते हैं. Government विदेश में रहने वाले सभी नेपालियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए काम करती रहेगी.”
काठमांडू में श्रद्धांजलि के बाद जोशी का पार्थिव शरीर Monday दोपहर उनके गृहनगर भीमदत्त नगर पालिका, कंचनपुर ले जाया गया. स्थानीय अधिकारियों और परिवार के सदस्यों ने पुष्टि की है कि उनका अंतिम संस्कार कंचनपुर में रिश्तेदारों, पड़ोसियों और स्थानीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जाएगा.
गौरतलब है कि बिपिन जोशी उन नेपाली छात्रों में शामिल थे, जो 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हुए हमले से प्रभावित हुए थे. इनमें से 10 की मौत हुई थी और एकमात्र बिपिन जोशी का अपहरण हुआ था. इस घटना ने नेपाल में गहरा शोक और आक्रोश पैदा किया था. Government से विदेशों में काम करने वाले नेपाली नागरिकों की बेहतर सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई थी.
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डीसीएच/एएस