जी20 की बैठक में सबने घोषणापत्र को एकमत से अपनाया: दक्षिण अफ्रीकी सरकार के प्रवक्ता

जोहान्सबर्ग, 23 नवंबर . दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहान्सबर्ग में Sunday को जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन पीएम मोदी तीन सेशन में शामिल हुए और द्विपक्षीय वार्ताएं कीं. इस बीच दक्षिण अफ्रीका के Governmentी प्रवक्ता विलियम बालोई ने से खास बातचीत की.

दक्षिण अफ्रीका Government के प्रवक्ता विलियम बालोई ने कहा, “आज सफल समिट का दूसरा और आखिरी दिन है. पहले दिन घोषणापत्र को एकमत से अपनाया गया था. कल कई द्विपक्षीय बैठकें हुईं. आज, एक प्लेनरी सेशन होगा जिसमें सभी जी20 सदस्य, Governmentी डेलीगेशन के प्रमुख, बुलाए गए देश और इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन एक ही कमरे में होंगे.”

Government के प्रवक्ता क्रिसपिन फिरी ने कहा, “आज कई द्विपक्षीय बातचीत हो रही है. आईबीएसए समिट के अलावा, हम इंडिया-ब्राजील-साउथ अफ्रीका समिट का भी इंतजार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि तीनों देशों के बीच आपसी चिंता के मुद्दों पर आम सहमति बनेगी.”

India के Prime Minister Narendra Modi ने Sunday को जोहान्सबर्ग में भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) नेताओं की बैठक में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने ग्लोबल साउथ के लिए भाग लेने वाले देशों के त्रिपक्षीय सहयोग और प्रतिबद्धता पर चर्चा की.

पीएम मोदी के साथ इस बैठक में ब्राजील के President लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के प्रेसिडेंट सिरिल रामाफोसा भी मौजूद थे. फिलहाल दक्षिण अफ्रीका ही आईबीएसए की अध्यक्षता कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार आईबीएसए एक ऐसा फोरम है जो भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को एक साथ लाता है, जो एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. यह तीन अलग-अलग महाद्वीपों के तीन बड़े लोकतंत्र और बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं.

इस समूह को औपचारिक रूप दिया गया और इसका नाम आईबीएसए डायलॉग फोरम रखा गया.

20 नवंबर को पीएम मोदी के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर एक खास मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध विभाग के सचिव सुधाकर दलेला ने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका तीन महाद्वीपों के तीन लोकतंत्र हैं, जो सभी ग्लोबल साउथ से हैं. हमारे पास कोऑपरेशन के तीन पिलर हैं. एक है Political कोऑर्डिनेशन. दूसरा है त्रिपक्षीय कोऑपरेशन जो हम करते हैं, जिसमें पीपल-टू-पीपल कॉन्टैक्ट शामिल है और तीसरा, हम ग्लोबल साउथ के देशों के लिए आईबीएसए के तौर पर मिलकर क्या करते हैं, खासकर आईबीएसए फंड के जरिए खाने और भूख के मामले में.”

केके/वीसी