‘द लेडी सुपरस्टार’ विजयशांति : जब एक एक्ट्रेस बनी लाखों दिलों की ‘लेडी अमिताभ’

New Delhi, 23 जून . साउथ फिल्म इंडस्ट्री में ‘द लेडी सुपरस्टार’ जैसा खिताब किसी भी एक्ट्रेस को आसानी से नहीं मिलता. यह वह मुकाम है जिसे पाने के लिए न केवल हुनर चाहिए बल्कि पुरानी धारणाओं को तोड़ने के लिए हिम्मत, दमखम और एक अलग ही व्यक्तित्व की जरूरत होती है, लेकिन यह खिताब अपनी कड़ी मेहनत से एक्ट्रेस विजयशांति ने अपने नाम किया. उन्हें ‘द लेडी सुपरस्टार’ के साथ-साथ ‘लेडी अमिताभ’ के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह Bollywood सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है, उनके किरदार लोगों के बीच लोकप्रिय हो जाते हैं, ठीक वैसे ही विजयशांति ने भी अपनी दमदार अदाकारी, जबरदस्त एक्शन और परफॉर्मेंस से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई.

80 के दशक में जब फिल्मी दुनिया में महिला कलाकारों को अक्सर सपोर्टिंग रोल या रोमांटिक किरदारों तक सीमित समझा जाता था, तब विजयशांति ने अपने मजबूत किरदारों के दम पर साबित कर दिया कि एक्ट्रेस सिर्फ कहानी को चमकाने के लिए नहीं होती, बल्कि वह कहानी में जान फूंकने का भी काम कर सकती हैं.

उस दौर में दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक्शन हीरो अक्सर पुरुष ही होते थे, लेकिन पुरानी धारणाओं को तोड़ते हुए विजयशांति ने अपनी फिल्मों में ‘सुपर कोप’ का रोल निभाकर साबित कर दिया कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं. 1990 में रिलीज हुई ‘कर्तव्यम’ में उन्होंने Police ऑफिसर का रोल निभाया, जो निडर होकर अपराधियों से लोहा लेती हैं. यह किरदार दर्शकों को इतना पसंद आया कि इसे आज भी याद किया जाता है. इस किरदार के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला.

विजयशांति ने अपने करियर की शुरुआत 14 साल की उम्र में की. उनके अंदर के जुनून ने उन्हें कम उम्र में ही बड़ी सफलताएं दिलाई. उन्होंने 1980 में तमिल फिल्म ‘कल्लुकूल इरम’ से अपना अभिनय सफर शुरू किया. इसी साल उन्होंने फिल्म ‘खिलाड़ी कृष्णाडू’ से तेलुगु फिल्मों में भी डेब्यू किया. उन्होंने एक्टर चिरंजीवी के साथ 19 फिल्में कीं, वहीं एक्टर बालकृष्ण के साथ 16 फिल्मों में काम किया.

इनके अलावा, उन्होंने तमिल के सुपरस्टार रजनीकांत के साथ फिल्म ‘मन्नान’ और कमल हासन के साथ फिल्म ‘इंड्राडु चंड्राडु’ में भी काम किया. इसके अलावा, वह ‘चैलेंज’, ‘पासीवादी प्रणाम’, ‘मुदुला कृष्णैया’, ‘अग्नि पवित्रम्’, ‘यामुडिकी मोगुडु’, ‘अधाकू यामुडू अमायकी मोगुडु’, ‘मुदुला मावाया’, ‘कॉन्डाविती डोंगा’, ‘गैंग लीडर’ सहित फिल्मों में नजर आईं.

उन्होंने अनिल कपूर की फिल्म ‘ईश्वर’ के जरिए Bollywood में कदम रखा. साथ ही कई हिंदी फिल्मों में भी काम किया.

अमिताभ बच्चन की तरह विजयशांति भी फिल्मों के हर किरदार में जान डालती थीं, चाहे वह गुस्सा हो, दर्द हो या साहस. उनका अभिनय इतना प्रभावशाली था कि दर्शक उनके साथ जुड़ जाते थे और उनके हर संघर्ष को अपने दिल से महसूस करते थे. यही कारण है कि उन्हें सिर्फ एक Actress नहीं, बल्कि एक आइकन के रूप में देखा जाता है. उन्होंने तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी जैसी कई भाषाओं में अपनी छाप छोड़ी, और हर बार अपनी अलग शैली और जोश के साथ सामने आईं.

फिल्मों के अलावा, विजयशांति ने राजनीति में भी कदम रखा. वह 1998 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं. उन्हें भाजपा की महिला शाखा का सचिव बनाया गया. 1999 के आम चुनाव में वह कुडप्पा Lok Sabha सीट से खड़ी हुईं, लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था. इसके बाद उन्होंने अपना खुद का Political दल ‘ताली तेलंगाना’ बनाया, जिसे बाद में तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल कर दिया गया.

विजयाशांति ने 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली और Lok Sabha चुनाव लड़ा. 2020 में विजया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी फिर से ज्वाइन कर ली.

पीके/जीकेटी