New Delhi, 8 अगस्त . India में किसी भी तरह का प्रभाव छोड़ने में विफल रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों ने अब कई वर्षों से कनाडा को अपनी गतिविधियों का अड्डा बना लिया है. इसी कारण India और कनाडा के संबंध लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. New Delhi ने कनाडा पर कई बार ऐसे तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है जो India की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं.
अब ताजा घटनाक्रम में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में तथाकथित “खालिस्तान गणराज्य के दूतावास” की स्थापना की गई है. यह कदम India और कनाडा के पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और बिगाड़ने वाला है.
हालांकि पूर्व Prime Minister जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्तों में भारी गिरावट आई थी, लेकिन जब मार्क कार्नी ने कनाडा के Prime Minister का पद संभाला तो रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी. फिर भी, खालिस्तान समर्थक तत्वों का Political दबदबा इतना अधिक है कि कोई भी दल उन्हें नजरअंदाज करने का साहस नहीं कर पाता.
यह तथाकथित दूतावास गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में स्थित है, जिसकी अगुवाई पहले हरदीप सिंह निज्जर किया करते थे, जो India में एक नामित आतंकवादी थे. उनकी हत्या से भारत-कनाडा संबंधों में कूटनीतिक टकराव शुरू हुआ था.
यह दूतावास न सिर्फ चिंता का विषय है बल्कि एक दुस्साहसी कदम भी है, जिसे आतंकी संगठनों, ड्रग माफिया और गिरोहों से जुड़े तत्वों द्वारा उठाया गया है. अभी तक कनाडा Government की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे India की संप्रभुता पर सीधा हमला करार दिया है. उच्चायोग ने कनाडा Government से ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक कोई बयान नहीं दिया है.
बताया जा रहा है कि इस दूतावास को राज्य Government से 1.5 लाख अमेरिकी डॉलर की फंडिंग मिली है. ब्रिटिश कोलंबिया में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) की Government है, जिसके पूर्व नेता जगमीत सिंह को खालिस्तान समर्थक माना जाता है और जो ट्रूडो Government के सहयोगी भी थे.
India ने कनाडा को कई डोजियर सौंपकर इन तत्वों की आतंकी गतिविधियों के पुख्ता सबूत दिए हैं. कनाडा में बैठे लोग India में सक्रिय आतंकी-गैंगस्टर नेटवर्क को चला रहे हैं, ऐसे प्रमाण भी साझा किए गए हैं.
इसके बावजूद, कनाडा ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. उल्टा, कनाडा ने कभी India पर ही निज्जर की हत्या करवाने का आरोप लगाया था.
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डीएससी/