भंडारा (महाराष्ट्र), 30 जुलाई . तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेंपा त्सेरिंग ने आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की. उन्होंने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ एक सुनियोजित और प्रभावी जवाबी कार्रवाई करार दिया. पेंपा त्सेरिंग ने से बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से जो कदम उठाया, वह बहुत ही रणनीतिक और व्यवस्थित था.
तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेंपा त्सेरिंग ने से बातचीत में कहा, “इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद पर कार्रवाई करना था. आतंकवाद के प्रति हर जगह जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए. भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से जो कदम उठाया, वह बहुत ही रणनीतिक और व्यवस्थित था. यह पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों का जवाब देने के लिए भारत सरकार का एक मजबूत कदम था.”
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस जरूरी है, क्योंकि इसका मानवता में कोई स्थान नहीं है. पहलगाम जैसे हमलों में निर्दोष पर्यटकों की हत्या करना मानवता के खिलाफ है. यह कोई संघर्ष नहीं है और इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जवाब देना होगा. हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए पूर्ण समर्थन में हैं.”
बता दें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी. इस आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.
उल्लेखनीय है कि देश में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी चरम पर है.
Tuesday को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा में भाग लेते हुए Lok Sabha के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जवाब दिया था. उन्होंने Lok Sabha में कहा था कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से नहीं रोका था.
–
एफएम/