वाराणसी (Varanasi) . नए कृषि बिल की वापसी को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन लगातार जारी है. इस आंदोलन का अब साइड इफेक्ट सीधा गृहणियों के ऊपर पड़ा है, क्योंकि खाद्य तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. खाद्य तेलों की दामों में बढ़ोतरी का असर सिर्फ फुटकर बाजारों में ही देखने को नहीं मिल रहा, बल्कि इसका सीधा असर थोक मंडियों पर भी पड़ा है.
वाराणसी (Varanasi) के चेतगंज स्थित गल्ला मंडी में तेल की किल्लत मची हुई है, क्योंकि तेल समय से मंडी में नही आ पा रहा. जो माल आ रहे हैं उनके दाम बढ़कर मिल रहे हैं. जो तेल 90 से 100 रुपये लीटर मिलता था वो तेल अब लगभग 150 रुपये लीटर मिल रहा है. इसमें रिफाइंड और सरसो के तेल भी शामिल हैं. कुछ ही दिन तो हुआ आलू-प्याज के दामों में सुधार आये कि अचानक रसोई में उपयोग होने वाले तेलों के दाम आसमान छूने लगे. महिलाओं का कहना है कि सरकार लगातार बात कर रही है बावजूद विपक्ष की राजनीति के कारण ये आंदोलन खत्म नही हो रहा है. किसान आंदोलन का असर मंडियों से बाहर निकलते हुए घर के बजट तक जा पहुंचा है. ऐसे में महिलाएं अब किसान आंदोलन के समाप्त होने की राह ताक रही हैं, ताकि उनके घर के बजट में ज्यादा असर न पड़े.