कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्टेशन का हब बन सकता है गोरखपुर का धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र : यूपी के मंत्री नन्दी

लखनऊ, 3 जून . उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की अध्यक्षता में मंगलवार को पिकप भवन में आयोजित बैठक में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा गोरखपुर के दक्षिणांचल में गोला तहसील में विकसित किए जा रहे धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र के प्रस्तावित मास्टर प्लान का प्रस्तुतिकरण किया गया.

मंत्री नन्दी ने कहा कि रेलवे लाइन के साथ ही महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे से नजदीकी के कारण धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्टेशन का हब बन सकता है. इसे इसी आधार पर विकसित किया जाए और मास्टर प्लान भी इसी के अनुसार बनाया जाए ताकि यहां उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्टेशन के लिए परेशान न होना पड़े. इसी के अनुसार प्रस्तावित मास्टर प्लान में कई बदलाव के सुझाव दिए गए. सहजनवा से दोहरीघाट तक रेलमार्ग विकसित किया जा रहा है. यह रेल मार्ग प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के मध्य से निकल रहा है. कुछ ही दूर पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे भी गुजर रहा है, जिसे भविष्य में एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने के प्रस्ताव को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए ताकि धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र बेहतर कनेक्टिविटी के कारण उद्यमियों के लिए और अधिक उपयोगी साबित हो सके.

गोला तहसील के अधिसूचित 17 गांवों में 6,876.68 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किए जा रहे धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र के प्रस्तावित मास्टर प्लान में औद्योगिक भूखण्ड 32.15 प्रतिशत और ग्रीन लैंड 16.5 प्रतिशत शामिल किया गया है, जो मानकों से काफी अधिक है. मास्टर प्लान में वाणिज्यिक क्षेत्र 3.57 प्रतिशत, आबादी एरिया 4.60 प्रतिशत, आवासीय भूमि 10.34 प्रतिशत, ग्रामीण आबादी एरिया 7.55 प्रतिशत शामिल किया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवेदन प्रक्रिया के साथ ही भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है जिसके लिए अभी तक करीब 500 करोड़ रुपए भुगतान कर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में तीन बड़ी कम्पनियों ने निवेश का प्रस्ताव दिया गया है. एथेनॉल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी कियान डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड ने 180 एकड़ भूमि पर 4,200 करोड़ रुपए, अदाणी ग्रुप (अम्बुजा सीमेंट) ने 65 एकड़ भूमि पर 1,500 करोड़ रुपए और श्री सीमेंट ने 50 एकड़ भूमि पर 800 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है.

मंत्री नन्दी द्वारा मास्टर प्लान में कई बदलाव के सुझाव दिए गए. इस दौरान औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव आलोक कुमार, औद्योगिक विकास सचिव प्रांजल यादव, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद एवं गीडा के सीईओ अनुज मलिक के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे.

विकेटी/एकेजे